शुक्रवार, 8 जुलाई 2016

दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस ( Dainik Chhattisgarh Express ) का आकर्षक कैटलाग बनकर तैयार

दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का आकर्षक कैटलाग
दैनिक समाचार पत्र छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का कैटलाग बनकर तैयार हो गया है। पहली नजर में कैटलाग काफी आकर्षक जान पड़ता है। चार पेज के इस कैटलाग में पहले पेज पर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के मुख्य पृष्ठ की तस्वीर सहित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह से सौजन्य भेंट करते दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के संपादक राजेश सिंह क्षत्री की तस्वीर है, कव्हर पेज का आगाज छत्तीसगढ़ में तेज गति से आगे बढ़ता दैनिक समाचार पत्र छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से होता है, जिसके नीचे छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का RNI No. CHHHIN/2015/65992 फिर EMail dainikchhattisgarhexpress@gmail.com और संपर्क नं. 07489405373 का उल्लेख है, जिसके बाद दाएं में दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का मुख्य पेज और बाएं में संपादक राजेश सिंह क्षत्री, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में 18 वर्ष से ज्यादा का अनुभव लेख है, नीचे मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह से सौजन्य मुलाकात करते संपादक राजेश सिंह क्षत्री की तस्वीर है। कैटलाग को खोलने पर दूसरे और तीसरे पृष्ठ में छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस कार्यालय में अब तक पंहुचे प्रमुख अतिथियों मंत्री अमर अग्रवाल, सांसद श्रीमती कमला देवी पाटले, विधायक चुन्नीलाल साहू, तत्कालिन कलेक्टर ओपी चैधरी, तत्कालिन पुलिस अधीक्षक Prashant Agrawal, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष एवं भाठापारा विधायक शिवरतन शर्मा, संसदीय सचिव एवं पामगढ़ विधायक अंबेश जांगड़े आदि की तस्वीर है साथ ही तीसरे पृष्ठ के आखिर में बांयी ओर जर्मनी से भारत पंहुचे फ्रेंकफूट निवासी बाल्दीमीर गुबेन्कों के छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस कार्यालय पंहुचने और दांई ओर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के अन्य प्रकाशन विगत पांच वर्षो से छत्तीसगढ़ से नियमित रूप से प्रकाशित पंचायत की सर्वश्रेष्ठ पत्रिका पंचायत की मुस्कान की तस्वीर है। अंतिम पेज में ऊपर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के मोनो के नीचे इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी 01 सितंबर 2015 से प्रकाशित, राज्य के 12 से अधिक जिलों में प्रसारित एवं संपूर्ण छत्तीसगढ़ के लिए एक एडिशन होने की जानकारी है जिसके नीचे छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों का रेट कार्ड दिया गया है। कैटलाग के चैथे पन्ने में सबसे नीचे इसके प्रदेश कार्यालय, संभागीय कार्यालय और संपादकीय कार्यालय का पता दिया गया है। कुल मिलाकर कैटलाग में कम शब्दों में दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को बेहतरीन तरीके से लोगों को समझाने की कोशिश की गई है जो आकर्षक बन पड़ा है।
दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का आकर्षक कैटलाग

रविवार, 3 जुलाई 2016

सीएम से मिले दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के संपादक

सौजन्य मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह
को बुके देते दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के संपादक राजेश सिंह क्षत्री

दैनिक समाचार पत्र छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के संबंध में
मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को जानकारी देते
संपादक राजेश सिंह क्षत्री

सौजन्य मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह
को बुके देते दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के संपादक राजेश सिंह क्षत्री

दैनिक समाचार पत्र छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के साथ
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह
रायपुर। दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के संपादक राजेश सिंह क्षत्री ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह से सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर भाठापारा विधायक एवं छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष शिवरतन शर्मा, भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष भाठापारा डबलू सिंह ठाकुर भी उपस्थित रहे।

बुधवार, 1 जून 2016

मस्तूरी विधायक के हाथों दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के संभागीय कार्यालय का शुभारंभ

बिलासपुर/छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस

छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के संभागीय कार्यालय का शुभारंभ मंगलवार को मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में कांग्रेस के पूर्व बीडीआई अध्यक्ष अनिल टाह, काग्रेंस के पूर्व शहर अध्यक्ष रविन्द्र सिह रहे। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के संभागीय ब्यूरो चीफ राज कुमार कौशिक एवं बिलासपुर ब्यूरो चीफ मनोज पाल को बधाई देते हुए छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की सराहना की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस प्रधान कार्यालय से जय प्रकाश यादव एवं कैलाश कश्यप विशेष रूप से उपस्थित रहे । कार्यक्रम में मीडिया के वरिष्ठ साथी विरेन्द्र गहवई, कृपाशंकर शर्मा अध्यक्ष इंडियन प्रेस एसोसिएशन, तारबाहर के थाना प्रभारी एस सी शुक्ला एवं अतिथियों के रूप में दिनेष जायसवाल, सोमनाथ पाण्डेय, फलेश साहू, पवन साहू, अयाज अंसारी, रवि पासवान, राजेश पासवान, उपेन्द्र तिवारी, पवन सिह, राजु कौशिक, दिनेश कौशिक, चन्द्रकांत मझवार, द्रोण साहू ,अविनाश दुबे, सुमित सहगल, गोपी कौशिक ,पुश्पेन्द्र साहू, सबिया खातुन, शालू सिंह सहित बड़ी संख्या में पत्रकार साथी सहित आमजन उपस्थित रहे।

रविवार, 15 मई 2016

क्या विधानसभा चुनाव में नारायण चंदेल का विकल्प बनेंगे बिशुन ?

बिशुन कश्यप को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का सदस्य बनाना सोची समझी रणनीति


राजेश सिंह क्षत्री
जांजगीर-चांपा/छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस


Bishun Kashyap
पिछले 23 साल से नजर अंदाज किए जा रहे बिशुन कश्यप को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का सदस्य बनाए जाने से जहां उनके अथरिया कुर्मी समाज में हर्ष की लहर व्याप्त है वहीं पार्टी के ही लोग आश्चर्य चकित है। 1993 में पामगढ़ विधानसभा से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद यह पहला अवसर है जब पार्टी ने उन पर इतना भरोसा जताया है ऐसी स्थिति में यह कोई तुक्का तो बिल्कुल नहीं हो सकता वो भी तब जब विगत 12 वर्षो से सत्ता में रहने के चलते एक-एक पद को पाने के लिए पार्टी में लंबी लाईन लगी हो, ऐसी स्थिति में इतने वर्षो बाद बिशुन कश्यप की नियुक्ति के एक ही मायने हो सकते हैं वो यह कि पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें जांजगीर-चांपा विधानसभा मंे नारायण चंदेल के विकल्प के रूप में उभारना चाहती है।
Narayan Chandel 
दो साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में जांजगीर-चांपा विधायक नारायण चंदेल और बिल्हा विधायक धरम लाल कौशिक के बीच बहुत सारी बातें चुनाव मैदान में उतरने के समय समान रही। दोनों एक ही समाज कुर्मी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं वहीं एक छत्तीसगढ़ विधानसभा में अध्यक्ष तो दूसरा उपाध्यक्ष रहते हुए चुनावी वैतरणी पार करने के लिए चुनाव मैदान में उतरे थे। दोनों के परिणाम भी एक समान रहे जब जनता ने दोनों को नकार दिया उसके बाद धरमलाल कौशिक पर पार्टी ने तत्काल भरोसा जताते हुए उन्हें प्रदेशाध्यक्ष के रूप में पूरे प्रदेश की जवाबदारी थमा दी वहीं नारायण चंदेल के समर्थक उन्हें लालबत्ती मिलने अथवा पार्टी में महत्वपूर्ण जवाबदारी मिलने की बाट जोहते रहे। नारायण चंदेल की छवि विधानसभा के भीतर और बाहर एक दबंग और जुझारू नेता की रही है जिससे उनके समर्थक उन्हें पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक के मुकाबले का नेता मानते रहे हैं उसके बाद भी पिछले दो विधानसभा चुनाव में उनके टिकट का फैसला अंतिम समय में उनके पक्ष में हो पाया था। 2003 में विधानसभा चुनाव में हार के बाद ही नारायण चंदेल एक बार फिर से पूरी तरह से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए थे तथा उन्होंने अपने चांपा विधानसभा का ऐसा कोई कोना नहीं बचा रखा था जहां वो नहीं पंहुचे थे, इसी बीच वो संगठन में प्रमुख पदों पर भी रहे लेकिन 2008 में जब टिकट वितरण का समय आया तो पार्टी उनसे किनारा करते नजर आई तथा उनके विकल्प तलाशे जाने लगे। तत्कालिन दावेदार तब यह भी दावा करते नजर आए कि पार्टी नारायण चंदेल को अंतिम मौका देना चाहती है और उनके हारने के बाद अगले चुनाव में वैसे ही उनकी दावेदारी समाप्त हो जाएगी लेकिन चुनाव के नतीजे उसके उलट आए तथा अपनी पांच साल की सक्रियता के दम पर नारायण चंदेल विधानसभा तक पंहुचने में सफल रहे। 2013 में विधानसभा चुनाव करीब आते-आते पूरी सक्रियता के बाद भी पार्टी उनका विकल्प तलाशते रही। तब पार्टी फोरम में जिले के तमाम दिग्गज नारायण चंदेल का टिकट काटकर किसी भी अन्य प्रत्याशी को टिकट दिए जाने की मांग करते नजर आए लेकिन वो जीतने योग्य दावेदार कौन होगा यह कोई नहीं बता सका तथा दबी जुबान से सारे दावेदार अपने स्वयं का नाम ही आगे करते नजर आए। इस बीच नारायण चंदेल की सीट बदले जाने की चर्चाएं भी आम हुई लेकिन पार्टी जांजगीर-चांपा विधानसभा में उसका विकल्प नहीं तलाश सकी ऐसी स्थिति में अंतिम समय में पार्टी ने एक बार फिर से उन्हीं पर अपना भरोसा जताया। 2013 का विधानसभा चुनाव अब इतिहास की बात हो गई है और अमित शाह की केन्द्रीय अध्यक्ष बनने तथा धरम लाल कौशिक के एक बार फिर से प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद संगठन चुनाव के बहाने पूरी पार्टी अभी से आगामी विधानसभा चुनाव में जुट गई है तथा पार्टी ने अभी से उसके लिए मोहरे बिठाने प्रारंभ कर दिया है ऐसी स्थिति में बिशुन कश्यप का अनायास राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का सदस्य बनना महज इत्तफाक या तुक्का नहीं हो सकता। एक ही समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक और नारायण चंदेल बराबरी के नेता माने जाते हैं वहीं बिशुन लाल कश्यप भी उसी कुर्मी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं वहीं जांजगीर-चांपा विधानसभा में अथरिया कुर्मी समाज उनके साथ खड़ा नजर आता है जो अक्सर गुटीय लड़ाई के चक्कर में नारायण चंदेल के खिलाफ दिखाई पड़ता रहा है। महंत के शहीद रामकुमार कश्यप की मूर्ति का अनावरण मुख्यमंत्री से करवाने के लिए क्षेत्र के अथरिया कुर्मी समाज के लोग और शहीद के परिजन बिशुन कश्यप के माध्यम से ही धरमलाल कौशिक तक पंहुचे तथा उनकी मदद से ही मुख्यमंत्री के महंत आने का कार्यक्रम मूर्त रूप ले पाया। यही वो क्षण रहे जब लंबे समय बाद पार्टी के लोगों को बिशुन कश्यप की सक्रियता का एक बार फिर से अहसास हुआ। इससे पहले पार्टी की ओर से बिशुन कश्यप 1993 में पामगढ़ विधानसभा के प्रत्याशी बने थे जब वो 25643 वोट पाकर 33725 वोट पाने वाले बहुजन समाज पार्टी के दाऊराम रत्नाकर से पराजित हुए थे। तब पामगढ़ में निर्दलीय दामोदर प्रसाद तीसरे तो कांग्रेस प्रत्याशी बलभद्र शरण सिंह चौथे नंबर पर रहे थे। उससे पहले 1990 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पामगढ़ से अपना प्रत्याशी नहीं उतारकर जनता दल के आनंद मिश्रा का समर्थन किया था वहीं उसके बाद 1998 में हुए विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने उनकी जगह शकुंतला सिंह पर भरोसा जताया था। इस तरह से 1993 के बाद से ही बिशुन कश्यप को पार्टी में कोई बहुत बड़ी जवाबदारी नहीं दी गई थी। इस बीच हालांकि वो मंडी और पंचायत की राजनीति के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर भी सक्रियता बनाए रहे वहीं विधानसभा के लिए भी दावेदारी करते रहे लेकिन पार्टी केे लोग उन्हें गंभीरता से नहीं लेकर नजर अंदाज करते रहे। उसके बाद अब जबकि विधानसभा चुनाव में ढाई साल का समय शेष है पार्टी की ओर से उन्हे अचानक बड़ी जवाबदारी दी गई है तो पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष नारायण चंदेल को आने वाले खतरे को भांपते हुए अभी से सावधान हो जाने की जरूरत है। 

शनिवार, 7 मई 2016

08 बहनों का भाई करा रहा 31 निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह

युवा अधिवक्ता के जोश को छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का सलाम


निःशुल्क सामूहिक विवाह को यादगार बनाने के लिए बलौदा तैयार

राजेश सिंह क्षत्री /छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस
दुनिया में कन्यादान से बड़ा और कोई दान नहीं है इसलिए हर व्यक्ति अपने जीवन काल में एक बार कन्यादान का सुख जरूर प्राप्त करना चाहता है यही वजह है कि वह उस एक कन्यादान का सुख प्राप्त करने के लिए अपनी पूरी जमा पूंजी दांव पर लगा देता है। यही वजह है कि एक विवाह के खर्च के लिए राशि एकत्रित करने और विवाह संपन्न होने के बाद उसके कर्ज से उबरने के लिए ही लोगो को बरसो लग जाते हैं ऐसी स्थिति में बलौदा के युवा अधिवक्ता माधव शराफ के द्वारा अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर कराया जाने वाला निःशुल्क सामूहिक विवाह कराने का निर्णय जोखिम भरा होने के साथ-साथ काबिले तारीफ है।
जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा के युवा अधिवक्ता माधव शराफ के द्वारा अपने युवा साथियों के साथ दो माह से भी अधिक समय तक की जा रही मेहनत का प्रतिफल कल 31 जोड़ों के दिल से निकली अथाह दुवाओं के रूप में सामने आएगा जब ये जोड़े निःशुल्क सामूहिक विवाह में एक दूजे से जन्म जन्मांतर तक साथ रहने के बंधन में बंध जाएंगे। इस निःशुल्क सामूहिक विवाह के साक्षी बनने के लिए बलौदा नगर तैयार दिख रहा है। अक्षय तृतीया के दिन यहां का एक युवा अपने जोश, जुनून और कुछ अच्छा करने की जिद के चलते मानवता की एक मिसाल कायम करने जा रहा है जब उसके द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह में एक साथ 31 जोड़ो के विवाह का कार्यक्रम संपन्न होगा। बलौदा नगर में होने वाले इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के साक्षी बनने के लिए पूरा बलौदा नगर तैयार नजर आ रहा है। माधव शराफ के साथ गोविंद कुंभकार, कृष्णकुमार सोनी, एस कुमार देंवागन, शैलेन्द्र सोनी, राजेन्द्र कंवर, अरूण आदित्य, पूरन कुम्हार, महेश कुम्हार, बलराम कुम्हार, दीपक कुम्हार, अजय आदित्य, सूरज आदित्य, जीवधन, सैयद कलीम, ब्यासनारायण केंवट, गंगाराम केंवट, संजय धीवर, कादिर मोहम्मद, जीवन सिंह कंवर, रमेश सोनी, विनोद सोनी, जवाहर सोनी, टंकेश्वर सोनी, तुमेश्वर सोनी, लक्ष्मी सोनी, उधो प्रसाद सोनी, महेन्द्र मोहन सोनी, जीवन सोनी, रामप्रकाश सोनी, विजय सोनी, रामलाल सोनी के साथ सैकड़ो लोग इस पूरे आयोजन को यादगार बनाने के लिए विगत दो माह से जी जान से जुटे हुए हैं।

हर वर्ग के लोगो का होगा विवाह

निःशुल्क सामूहिक विवाह की रूपरेखा तैयार होने तथा क्षेत्र में प्रचार प्रसार के बाद उसके लिए पंजीयन प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी जिसमें 31 जोड़ों ने विवाह की सहमति जताई है। सभी जोड़े युवा है तथा 18 वर्ष से 25 वर्ष के आयु वर्ग के हैं जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग के 12, अनुसूचित जनजाति वर्ग के 05, सोनी समाज के 04, कहरा समाज के 02, यादव समाज के 02 राजपूत समाज के 01 जोड़े सहित अन्य समाज के युवक-युवतियों का विवाह होगा।

जगन्नाथ मंदिर से निकलेगी बारात

 आज अक्षय तृतीया के अवसर पर जिन लोगांे का विवाह होना है उसमें शामिल सभी वर पक्ष के लोग जगन्नाथ मंदिर बलौदा से बारात लेकर शाम को चार बजे निकलेंगे जो 07 बजे बिजली आफिस बलौदा स्थित मैदान पंहुचेंगे जहां विवाह कार्यक्रम संपन्न होगा।

ऐसे आया विचार

अधिवक्ता माधव शराफ की खुद की आठ बहने हैं इसलिए वो विवाह कार्य में कन्या पक्ष को होने वाले दुख तकलीफों से भली भांति परिचित है। एक बार माधव का परिचय बिलासपुर जिले के ग्राम कुली की एक असहाय लड़की से हुआ जिसके घर की माली हालत देखने के बाद उन्होंने उसके विवाह के लिए जरूरत के हिसाब से आर्थिक सहयोग किया था जिसके बाद ऐसे जरूरत मंद लोगों के विवाह का पूरा खर्च उठाने का बीड़ा उन्होंने उठाया और निःशुल्क विवाह समारोह का आयोजन किया। विवाह करने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति को जांचने माधव खुद सभी लोगों के घर गए।  

वरिष्ठ नागरिकों का होगा सम्मान

     अक्ती के दिन आयोजित इस सामूहिक विवाह समारोह को यादगार बनाने के लिए बलौदा के 50 वरिष्ठ नागरिकों का भी सम्मान किया जाएगा।

ऐतिहासिक होगा आयोजन

युवा अधिवक्ता माधव शराफ और उसके साथियों ने अक्षय तृतीया को आयोजित इस विवाह समारोह को यादगार बनाने के लिए सभी आवश्यक तैयारी कर रखी है, बारात को यादगार बनाने के लिए 130 लोगों की कर्मा पार्टी तथा बैंड पार्टी साथ चलेगी वहीं 31 दुल्हों के लिए अलग-अलग 31 कारों का इंतजाम किया गया है। दुल्हन को दहेज के रूप में पचहर, पायल, आलमारी सहित जरूरी सामान दिए जायेंगे वहीं बिजली विभाग के मैदान में वर-वधु के लिए हाइड्रोलिक स्टेज उपलब्ध रहेगा वहीं पांच हजार लोगों के भोजन की व्यवस्था भी की गई है।

गुरुवार, 28 अप्रैल 2016

पिता की सीमित आय भी रोक नहीं सकी प्रखर का तेज

  Chhattisgarh Express

Aalok Kumar Hota
 सरस्वती शिशु मंदिर चांपा में पढ़ने वाला प्रखर कौशल चांपा में अपने पिता उपेन्द्र कौशल और मां अर्चना कौशल के साथ रहता है। प्रखर के पिता उपेन्द्र कौशल डोंगाघाट चांपा के पास स्थित धर्मशाला में रामअवतार मोदी के यहां देखरेख का काम करते हैं। प्रखर के पिता की आय सीमित है उसमें से भी बड़ा हिस्सा मकान किराए में खर्च हो जाता है जिसके बाद भी प्रखर पढ़ाई कर रहा है। प्रखर की मां अर्चना गृहिणी है। प्रखर के पिता पांच साल पहले उत्तरप्रदेश से चांपा आ गए थे तब से वो यहां निवासरत है। अपनी सफलता का श्रेय प्रखर अपने माता पिता और गुरूजनों के साथ साथ अपनी बड़ी दीदी को देता है। प्रखर गणित विषय लेकर आगे पढ़ना चाहता है वहीं आगे चलकर वह रेल्वे के क्षेत्र में जाना चाहता है।


राहुल की ख्वाहिश आईएएस बनने की


  राहुल कुमार देंवागन सरस्वती शिशु मंदिर चांपा का छात्र है। उसके पिता सुशील कुमार पंडित सुंदर लाल शर्मा यूनिवर्सिटी में अंबिकापुर में पदस्थ है वहीं माता अनिता गृहिणी है। राहुल को 580 अंकों के साथ कक्षा दसवीं की प्रावीण्य सूची में राज्य में सातवां स्थान प्राप्त हुआ है। राहुल रोजाना पांच से छः घंटे तक पढ़ाई करता था। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरूजनों के साथ-साथ परिवार वालों को दिया है। राहुल की ख्वाहिश आईएएस बनने की है।

शिक्षा विभाग से संबद्ध है आलोक के पिता


    जिले के अंतिम छोर में बसे चन्द्रपुर के सरस्वती शिशु मंदिर से इस बार कक्षा दसवीं की प्रावीण्य सूची में नौवे नंबर पर आलोक कुमार होता आया है। आलोक के पिता गिरधारी लाल डभरा ब्लाक के चंदली में अंग्रेजी के व्याख्याता है वहीं मां बबीता रानी गृहिणी है। आलोक का निवास रायगढ़ जिले के पुसौर ब्लाक का ग्राम पुनगा है। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से बात करते हुए आलोक ने बताया कि वह गणित विषय लेकर आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहता है तथा आगे चलकर वह पीएससी के माध्यम से एडमिनिस्ट्रेशन में जाना चाहता है। आलोक ने अपनी सफलता का श्रेय अपने मम्मी पापा को दिया है।

टीवी देखते ही फूट फूटकर रो पड़ी वह

Janjgir-Champa / chhattisgarh express  
Aakriti Rathore
जिला मुख्यालय में शारदा मंदिर के पीछे निवास करने वाली आकृति राठौर को प्रावीण्य सूची में आने का पूरा भरोसा था इसीलिए वह दस बजे से टीवी के सामने चिपकी हुई थी वहीं साढ़े दस बजे के बाद से टीवी पर प्रावीण्य सूची में आने वाले लोगों के नाम लिखाने प्रारंभ हो गए। लगभग सभी चैनलों में पहले नंबर पर रायगढ़ के हेमंत कुमार साहू के आने और दूसरे नंबर पर जांजगीर से अदिति राठौर और श्रुति साहू के आने की खबरे चलने लगी जिसके बाद आकृति राठौर फूट फूट कर रो पड़ी। थोड़ी देर में चैनलों में अदिति राठौर की जगह आकृति राठौर लिखाना प्रारंभ हुआ वहीं घर वालों ने भी उसे समझाया कि राज्य में पहला नहीं आई तो क्या हुआ दूसरा आना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। आकृति राठौर के पिता अरविंद राठौर उसी ज्ञानदीप स्कूल में शिक्षक हैं जहां आकृति पढ़ाई करती है वही उसकी मां गृहिणी है। आकृति आगे गणित विषय लेकर पढ़ना चाहती है वहीं उसकी ख्वाहिश कलेक्टर बनने की है। अपनी सफलता का श्रेय आकृति अपने मम्मी-पापा के साथ-साथ अपने गुरूजनों और ज्ञानदीप स्कूल के प्राचार्य अखिलेश कटकवार को देती है। आकृति को गणित में पूरे सौ में सौ अंक मिले हैं वहीं उसे कुल 97.5 प्रतिशत अंक हासलि हुए हैं।

मजदूर मां के सपनों को बेटी ने किया साकार



Janjgir
suruchi sahu
जिला मुख्यालय से लगे हुए बलौदा विकासखंड के ग्राम जर्वे में श्रीमती शकुंतला साहू अपने पति की मौत के बाद अपने पिता के साथ रहती है वहीं मजदूरी कर वह अपने बच्चों को पढ़ा रही है। राज्य में प्रावीण्य सूची में दूसरे नंबर पर आने वाली सुरूचि उनकी ही बेटी है जिसे उसकी मां ने मजदूरी करते हुए पढ़ाया है। मां बेटी दोनों चांपा शादी में गए हुए थे जहां से आज दसवीं का परिणाम घोषित होना है जान जिद कर बेटी पहले ही घर आ गई थी वहीं मां शादी घर में ही रूकी हुई थी जहां पर बेटी के पूरे राज्य में दूसरे नंबर पर आने की जानकारी मजदूर मां को हुई तो वह खुशी से फूले नही समाई और तुरंत वह भी अपनी बेटी के पास आ गई। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से बात करते हुए सुरूचि साहू ने बताया कि पिता के मौत के बाद उसकी मां उसे लेकर नाना के घर जर्वे चली आई जहां नाना के घर रहते हुए वह पढ़ाई करती है। उसकी मां मजदूरी कर उसके पढ़ाई का पूरा खर्च उठाती है जिसने उसकी पिता की कमी उसे कभी महसूस नही होने दी। सुरूचि के नाना खेती करते हैं वहीं बड़ा भाई गायत्री संस्करण भी ग्यारहवीं में पढ़ता है जो उसकी पढ़ाई की ओर ध्यान देता है। पैसे के अभाव में सुरूचि ने कभी किसी से ट्यूशन नहीं लिया वहीं वह खुद ही अभावों के बीच में पढ़कर अपना हौसला बढ़ाते रही है। सुरूचि गणित लेकर आगे की पढ़ाई करना चाहती है वहीं उसका सपना इंजीनियर बनने का है। सुरूचि जिला मुख्यालय के विवेकानंद हायर सेकेण्डरी स्कूल में पढ़ती है जहां के प्राचार्य मनोज पाण्डेय का कहना है कि प्रावीण्य सूची के टाॅपर को माध्यमिक शिक्षा मंडल जितनी राशि का ईनाम देगी उतना स्कूल मैनेजमेंट की ओर से भी उसे दिया जाएगा वहीं नगर का गौरव होने की वजह से अब उससे बारहवीं कक्षा तक शुल्क नहीं लिया जाएगा।

ठेका मजदूर का बेटा हेमंत पूरे राज्य में अव्वल

दसवीं में बेटियों ने मारी बाजी
Hemant Kumar Sahu



रायपुर/छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित हाईस्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा वर्ष 2016 के परिणाम गुरूवार को घोषित कर दिए गए। स्कूल शिक्षामंत्री केदार कश्यप ने बुकलेट जारी कर परीक्षा के परिणाम जारी किए। दसवीं बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में इस कुल नियमित 4,26824 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए। इनमें से 4,21,333 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें से 2,24,209 बालक तथा 1,97,124 बालिकाएं हैं। परीक्षा में कुल 2,32,587 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए, जिसमें सफल रहे परीक्षार्थियों का कुल 55.32 प्रतिशत रहा। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 9 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। बारहवीं बोर्ड की तरह दसवीं बोर्ड परीक्षा में भी लड़कों की तुलना में लड़कियां आगे रही। इसमें से उत्तीर्ण बालिकाओं का प्रतिशत 55.75 तथा बालकों का प्रतिशत 54.84 रहा है। सम्मिलित परीथार्थियों में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण परीथार्थियों की संख्या 49537 है, द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की सख्या 86.494 है तथा तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या 94.485 है। 2,071 परीक्षार्थियों को पास की श्रेणी में उत्तीर्ण घोषित किया गया है। 38,405 परीक्षार्थियों को पूरक की पात्रता दी गई है। कुल 133 परीक्षार्थियों के परिणाम विभिन कारणों से रोके गये तथा 827 परीक्षार्थियों के परीक्षाफल निरस्त किये गये हैं।
खेलकूल, स्काउट-गाइड, एन.सी.सी. एन.एस.एस. में प्रावीण्य परीक्षार्थियों एवं साक्षर भारत कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित (पंजीकृत) 10 असाक्षरों को बेसिक प्राइमर और 10 असाक्षर शिक्षार्थी को क एव ंख श्रेणी में उत्तीर्ण कराने पर अनुदेशकों को परीक्षा में बोनस अंक दिए जाने के कारण छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेशानुसार वर्ष 2016 में खेलकूद-1,005, स्काउट-गाईड 440, एन.सी.सी.-7 अनुदेशक-453 कुल 1905 परीक्षार्थियों को बोनस अंक प्रदान किया गया है।

10वीं बोर्ड के टाॅपर


01 हेमंत कुमार साहू
594/99
नंदेली रायगढ़


02 आकृति राठौर
585/97.50
जांजगीर

02 सुरूचि साहू
585/97.50
जांजगीर


03 वर्तिका कुमारी
584/97.33
रायगढ़


04 सोमनाथ यादव
583/97.17
मुंगेली


05 चन्द्रकला
582/97 प्रतिशत
देवरभट बालोद

06 कपिल साव
581/96.83 प्रतिशत
पुसौर/रायगढ़


06 एकता बेहरा
581/96.83
बसना महासमुंद

06 जानकी सपहा
581/96.83
कापा रायपुर

06 निशिका गुप्ता
581/96.83
रायगढ़



07 अतुल कुमार पटेल
580/96.67
बांधापाली रायगढ़

07 एकता साहू
580/96.67
बलौदाबाजार

07 एकांत चन्द्राकर
580/96.67
रायपुर

07 राहुल कुमार देंवागन
580/96.67
चांपा जांजगीर


08 शिव कुमार पाण्डेय
579/96.50
सिमगा बलौदाबाजार

08 पूजा पटेल
579/96.50
कोरबा


09 पृथ्वीराज चैहान
578/96.33
कनकबीरा रायगढ़


09 सौरव देशमुख
578/96.33
बालोद

09 जयप्रकाश साहू
578/96.33
धमतरी

09 आलोक कुमार होता
578/96.33
चन्द्रपुर जांजगीर

10 दुर्गेश्वरी पटेल
577/96.17
नंदेली रायगढ़

10 श्रुति किरण प्रधान
577/96.17
सरिया रायगढ़

10 काजल पाटनवार
577/96.17
बिटकुला बिलासपुर

10 प्रखर कौशल
577/96.17
चांपा जांजगीर

10 दीपक कुमार सेन
577/96.17
कोरबा

10 दामिनी सिन्हा
577/96.17
दुर्ग

10 योगेन्द्र साहू
577/96.17
लिमतरा दुर्ग

10 सौरभ राजपूत
577/96.17
पंडरिया कवर्धा


जांजगीर-चांपा जिले के टुण्ड्री का रहने वाला है टापर हेमंत


छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित दसवी बोर्ड परीक्षा में सर्वोच्च स्थान पाने वाले हेमंत कुमार साहू का सपना इंजीनियर बनना है। रायगढ़ जिले के महेन्द्र सिंह पटेल मेमोरियल आदर्श हायर सेकेण्डरी स्कूल नंदेली में पढ़ने वाले हेमंत का मूल गांव जांजगीर-चांपा जिले के डभरा ब्लाक का टुण्ड्री है जहां हेमंत कुमार अपने परिवार के साथ निवासी करता है। ग्राम नंदेली का स्कूल हेमंत के गांव से 4-5 किलोमीटर की दूरी पर है। इस स्कूल से दो छात्रों ने प्रावीण्य सूची में अपना स्थान बनाया है। हेमंत ने परीक्षा में 99 प्रतिशत अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया है। हेमंत के पिता निराकार साहू ने बताया कि गांव में उसकी दो एकड़ की कृषि भूमि है जिसमें वो खेती करते हैं वहीं डीबी पावर में वो ठेका श्रमिक के रूप में काम करते हैं। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से बात करते हुए हेमंत ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, अपने शिक्षक और बीएससी में पढ़ने वाली अपनी बहन को दिया है। हेमंत के अनुसार उन्होंने सामान्य रूप से ही परीक्षा की तैयारी की। उनके अनुसार स्कूल में जो पढ़ाया जाता था उसका घर आकर वे रिवीजन करते थे। परीक्षा के समय उन्होंने 8 घंटे पढ़ाई की और यह सफलता के लिए कारगर सिद्ध हुआ। हेमंत गणित विषय लेकर आगे पढ़ना चाहते हैं तथा आईआईटी की परीक्षा में कामयाबी हासिल कर इंजीनियर बनना चाहते हैं।


रविवार, 17 अप्रैल 2016

आवश्यकता है 36 सनकी लोगों की

dainik chhattisgarh express
पंजाब के 130 आईपीएस अफसरों की कुल संपत्ति लगभग पांच सौ करोड़ रूपए है, उसमें से अकेले मोहाली के एसएसपी गुरप्रीत सिंह भुल्लर के पास 152 करोड़ रूपए की संपत्ति है। साहब चाहते तो अच्छे खासे उद्यमी बन राजा महाराजा सी ठाठ-बाट की जिंदगी जी सकते थे लेकिन जिद थी पुलिस में जाने की तो एसएसपी बन चैबीस घंटे कठिन परिश्रम कर रहे हैं। गुरप्रीत सिंह भुल्लर और उस जैसे कई लोग आसान सी कट रही जिंदगी को छोड़कर अपनी जिद, अपने जुनून के चलते सारी सुविधाआंे को ताक पर रखकर जीवन में कठिन रास्ता चुनते हैं और तब तक चैन से नहीं बैठते जब तक वो अपनी मंजिल पर पंहुच नहीं जाते। चाहे लोकपाल को लेकर जेल जाने को तैयार बैठे बूढ़े अन्ना हजारे हो या फिर उनकी सलाह को भी दरकिनार कर राजनीतिक दल का गठन कर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पंहुचे उनके शिष्य अरविंद केजरीवाल। अट्ठारह घंटे तक कठिन परिश्रम कर पहले गुजरात, फिर देश और अब विश्व पटल पर छा जाने वाले नरेन्द्र मोदी हो या फिर बिहार जैसे पिछड़े राज्य में जहां की एक बड़ी आबादी की रात बिना शराब पिए कटना मुश्किल हो में रातो रात शराब बंदी लागू करने वाले नीतिश कुमार। सब एक ही तरह के जिद्दी, एक ही तरह के जुनूनी लोग हैं। इस तरह के जिद्दी, इस तरह के जुनूनी लोगों को दुनिया सनकी कहती है, लेकिन इतिहास गवाह है इतिहास को बनाने और इतिहास को बदलने का काम भी ऐसे ही जुनूनी और सनकी लोग ही करते हैं। ऐसे ही लोग आगे चलकर महान कहलाते हैं। दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को अपने विस्तार के लिए 36 ऐसे ही जिद्दी, ऐसे ही जुनूनी, ऐसे ही सनकी लोगों की आवश्यकता है जिन्हें अर्जुन की तरह सिर्फ मछली की आंख ही दिखाई देती है। जो अपने लक्ष्य तक पंहुचने से पहले ना थकते हैं, ना रूकते हैं और जब वो रूकते हैं तो एक नया इतिहास सबके सामने होता है। अगर आपको भी लगता है कि आप में एक जिद, एक जुनून, एक सनक और प्रिंट मीडिया में कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो आप हमसे hr.chhattisgarhexpress@gmail.com पर ईमेल भेजकर संपर्क कर सकते हैं।

गुरुवार, 14 अप्रैल 2016

प्रिंट मीडिया दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का फ्रेंचाइजी से होगा विस्तार

दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस अपनी विस्तार योजना के तहत देश के प्रमुख शहरों में दैनिक  समाचार पत्र छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की फ्रेंचायजी देना चाहती है। इच्छुक व्यक्ति मो. नं. 07489405373 पर संपर्क कर सकते है।

स्वयं में ब्राण्ड नेम है छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस
Dainik Chhattisgarh Express दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस

 छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहर बिलासपुर से रायपुर, नागपुर, भोपाल, आगरा, नई दिल्ली होते हुए अमृतसर जाने के लिए छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के नाम से रेल्वे के द्वारा बरसो पहले से एक ट्रेन संचालित की जा रही है। उक्त ट्रेन छत्तीसगढ़, विदर्भ और मध्यप्रदेश के लोगों को देश की राजधानी से जोड़ने का प्रमुख माध्यम रही है, यही वजह है कि छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस स्वयं में एक ब्रांडनेम है जो एक समाचार पत्र के रूप में लोगों की जुबान पर बड़ी आसानी से चढ़ सकता है। 01 सितंबर 2015 से छत्तीसगढ़ से छत्तीसगढ़  एक्सप्रेस नाम से समाचार पत्र का प्रकाशन हो रहा है।


फ्रेंचाइजी को अधिकार ?
 छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की फ्रेंचाइजी लेने के बाद आप उस शहर से छत्तीसगढ़  एक्सप्रेस नाम से अखबार का संचालन कर सकते हैं। फ्रेंचाइजी वाले स्थान पर आप अखबार के संचालन (समाचार/विज्ञापन/प्रसार) के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र रहेंगे।

निवेश का बेहतर माध्यम
 अगर आपके पास पर्याप्त पैसे है, आप उद्योग/निजी संस्थान/सामाजिक अथवा राजनीतिक संगठन से जुड़े हुए हैं तो छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

सोमवार, 11 अप्रैल 2016

दंतकथा पर आधारित शिरिष पाठ की महिमा निराली

पामगढ़ के समीपस्थ डोंगाकोहरौद में स्थित है मां का मंदिर 

मां शिरिष पाठ
शिरिष पेड़
राजेश सिंह क्षत्री/छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 

नवरात्रि के पर्व पर मां शिरिष पाठ की छठा देखते ही बनती है, जहां स्थानीय अंचलों सहित दूर-दराज से श्रद्धालुजन प्रतिदिन दर्शन करने पहुंचते है, जिसमें दंतकथा पर आधारित शिरिष पाठ में स्थापित मां की  प्रतिमा के साथ शिरिष पेड़ की पूजा किये जाने का विधान प्राचीनकाल से हैं। यह कथा जिला मुख्यालय जांजगीर के पामगढ़ विकासखण्ड की समीपस्थ ग्राम डोंगाकोहरौद की हैं, जिसमें प्रचलित कथा के अनुसार नाव और महिला की कथा प्रचलित हैं। इस प्रचलित कथा में गर्भवती महिला का नाव से पार करने की कहानी हैं, जिसके अनुसार यात्री नाव से भरी नाव महानदी में पार कर रहे थे तभी नाव बीच मजधार में रूक गई, जिसका कारण नाव में सवार गर्भवती महिला की सवार होने की कहानी प्रचलित हैं। मजधार में नाव रूकने पर नाविक ने यात्रियों से पूछा कि कोई गर्भवती महिला इसमें सवार हैं, तब एक यादव समाज की महिला ने स्वीकार किया कि वे गर्भवती हैं, तब नाविक ने उसे बदना-बदने के लिए कहा और बदना-बदने के पश्चात नाव नदी पार कर गई। यह महिला ग्राम डोंगाकोहरौद की रहने वाली थी और उसने बच्चा पैदा होने के पश्चात अपना बदना पूरा नहीं किया, तब शिरिष पेड़ से बना एक नाव पुरातन काल में टार-नाला के सहारे नदी से गांव की बंधवा तालाब तक जा पहुंचा और तालाब में स्नान कर रही बदना-बदने वाली महिला को अपने चपेट में लेते हुए डूबाकर मार दिये। घटना की जानकारी गांव में फैल गई, तब उसके पति ने कुल्हाड़  लेकर तालाब पहुंचा और घटनाकारित नाव को तालाब से पकड़ बाहर निकाला तथा कुल्हाड़ से उसके तुकड़े-तुकड़े कर दिये। इस घटना के कुछ दिन बाद गांव में प्राकृतिक आपदा फैल गई है और सभी प्रमुख मार्गो में जगह-जगह शिरिष का पेड़ उग आया, जिस पर गांव वालो ने दैविक आपदा मानकर एक यज्ञ कराया तथा जगह-जगह उगे शिरिष पेड़ को काटकर सिर्फ यज्ञ स्थल के पेड़ को बाकी रखा। इसके पश्चात उस पेड़ की पूजा गांव की प्रमुख देव के रूप में सैकड़ो वर्ष पूर्व की जाती रही हैं तथा उसमें काली फीता-चुड़ी बांधकर अपना-अपना मन्नत मांगने की विधान चलते रहा। प्रारंभ में उस स्थल पर करीब 20 फिट के चबुतरे पर 7 शिरिष पेड़ था, जहां ग्रामवासी सभी प्रमुख त्यौहारों में पूजा-अर्चना करते थे, किन्तु वर्ष 2000 के पश्चात गांव के प्रबुद्धजनों द्वारा उस स्थल की विकास के लिए ध्यान देना प्रारंभ किया किन्तु विकास के लिए चारो तरफ गांववासियों का दो फसली खेत का होना अड़चन के रूप में दिखाई दी। इस स्थिति में गांव वालों ने एक समिति बनाकर उस स्थल के विकास के लिए शिरिष पेड़ की चबुतरे से जुड़े भूमि को किसानों से दान के रूप में मांगा और पंचायत की सहयोग से एक छोटा मंदिर बनाया।

चबुतरे से सड़क तक का सफर तय 


उक्त स्थल पर ग्रामवासियों का विशेष आस्था होने के कारण खेतिहर भूमि होने का अड़चन धीरे-धीरे दूर होते गया और एक मंदिर के पश्चात छोटे-छोटे अन्य भवन बन गये, वहीं पहुंच मार्ग के लिए भी रास्ता निकालते हुए नहर से करीब दो किलोमीटर दूरी तक बीच में पडने वाले सभी किसानों से 10 फीट भूमि दान का मांग रखा गया तब किसानों ने सहर्ष स्वीकारते हुए अपनी-अपनी भूमि दान दे दी और प्रशासनिक सहयोग से आज वहां सीमेंट कांक्रीट का सडक़ मार्ग बन गया हैं, जहां मंदिर में विराजित माता के दरबार में सैकड़ो की संख्या में प्रति वर्ष दोनो नवरात्र के पर्व पर दीप-ज्योति प्रज्जवल्लित कराते हैं तथा हजारों की संख्या में दर्शनार्थी पहुंचने लगे हैं।

बुधवार, 9 मार्च 2016

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का बजट भाषण वित्तीय वर्ष 2016-17

माननीय अध्यक्ष महोदय,

              मैं आज दसवीं बार विधान सभा के समक्ष बजट प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए खड़ा हुआ हूं। सोलहवें वर्ष में ऊर्जा और उत्साह से भरे हुए छत्तीसगढ़ राज्य को मैंने बारह वर्ष मुख्य मंत्री रहते हुये बड़ा होते देखा है। इस दौरान तय किये गये सफर के अनुभव हमें बताते हैं कि आगे कैसे और किस दिशा में बढ़ा जाए।
2.    अध्यक्ष महोदय, मैं सदन का ध्यान हमारी सरकार बनने के समय और आज की राज्य की वित्तीय स्थिति की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। वर्ष 2003-04 में छत्तीसगढ़ पर जी.एस.डी.पी. के अनुपात में 25.4 प्रतिशत ऋणभार था। आज छत्तीसगढ़ मात्र 15.2 प्रतिशत के ऋणभार के साथ पूरे देश में सबसे कम ऋणभार वाला राज्य है। ऋणभार कम करने के लिए हमने बेहतर कर प्रशासन से कर प्राप्तियों को बढ़ाया। वर्ष 2003-04 में जी.एस.डी.पी. के अनुपात में कर प्राप्तियां 6.8 प्रतिशत थीं। हमने कर प्राप्तियों को बढ़ाकर 8.5 प्रतिशत तक पहुंचाया, और आज कर प्राप्तियों में छत्तीसगढ़ देश के छः अव्वल राज्यों में है।
3.    शासकीय कोष में जुटाई राशि का हमने बेहतर उपयोग किया है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार जी.एस.डी.पी. के अनुपात में राज्य का विकासमूलक व्यय हमारी सरकार के कार्यकाल के दौरान 17.4 प्रतिशत से बढ़कर 21.4 प्रतिशत हो गया है। इस प्रकार विकासमूलक व्यय में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल है। इसी प्रकार, हमने जी.एस.डी.पी. के अनुपात में सामाजिक क्षेत्र पर व्यय को 11.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 14.7 प्रतिशत किया है। फलस्वरूप सामाजिक क्षेत्र पर व्यय में भी छत्तीसगढ़ देश के प्रथम दो राज्यों में है। हमने अधोसंरचना निर्माण पर भी बराबर ध्यान दिया है। जी.एस.डी.पी. के अनुपात में पूंजीगत व्यय में भी छत्तीसगढ़ देश के अव्वल 5 राज्यों में है। यह संसाधनों के निरंतर बेहतर उपयोग का परिणाम है कि वर्ष 2015-16 में सूखे के बावजूद राज्य का जी.एस.डी.पी. 7.07 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो देश की जी.डी.पी. वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत के समकक्ष है।
4.    छत्तीसगढ़ के 12 वर्षों के इस राजकोषीय सफर से यह स्पष्ट है कि  भविष्य में भी वित्तीय संसाधनों को जोड़ने और बेहतर प्रबंधन के साथ ही हमें इनका उपयोग राज्य की विकास, सामाजिक क्षेत्र एवं अधोसंरचना की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करना होगा। इसके लिए वित्तीय अनुशासन के साथ-साथ, विकास की समग्र रणनीति बनाकर वित्तीय संसाधनों का उपयोग करना होगा।
5.    कमजोर अधोसंरचना एवं निम्न मानव विकास सूचकांकों के साथ-साथ नक्सली समस्या भी नवगठित छत्तीसगढ़ राज्य को विरासत में मिली। यद्यपि अधोसंरचना के निर्माण, मानव संसाधन विकास और नक्सली समस्या पर नियंत्रण पाने की दिशा में हमने बड़े कदम उठाये हैं, परंतु हमें और बहुत आगे जाना है। विगत वर्ष सूखे का भी हमें सामना करना पड़ा है। इन चुनौतियों  के समाधान के साथ-साथ, हमें ऐसे आधार एवं वातावरण का निर्माण करना होगा जिसमें हर छत्तीसगढ़वासी अपनी संभावनाओं और क्षमताओं के अनुरूप अपना विकास कर सके।
6.    कुशल वित्तीय प्रबंधन और सही प्राथमिकताओं की एक मजबूत बुनियाद तैयार करने के पश्चात् हमारे सामने अपनी उपलब्धियों से और आगे बढ़ने की चुनौती है। इसके लिए हमारी आगामी रणनीति सात स्तंभों पर आधारित है। सुखी अन्नदाता, समावेशी विकास, संचार, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन और सक्षमता को इस बजट के माध्यम से सुदृढ़ किया जाएगा।
सुखी अन्नदाता
7.    अध्यक्ष महोदय, किसान हमारे अन्नदाता हैं। छत्तीसगढ़ के किसानों ने अपनी मेहनत से चार साल फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन करते हुए राज्य को कृषि कर्मण पुरस्कार का सम्मान दिलाया है। छत्तीसगढ़ का किसान केवल छत्तीसगढ़ का ही अन्नदाता नहीं है - उसके द्वारा पैदा किये हुए अन्न के हर तीन बोरों में से दो बोरे बाकी देशवासियों का पेट भरते हैं।
8.    छत्तीसगढ़ के निर्माता, माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को कहा था:-
‘‘भूखे पेट कोई सेना लड़ नहीं सकती। भूखा देश चैन की नींद नहीं सो सकता। हमारे किसान-मजदूर भाईयों ने देश को आत्मनिर्भर बनाकर अपनी ‘अन्नदाता’ की उपाधि सार्थक की है। मैं तो भगवान से केवल इतनी ही प्रार्थना कर सकता हूं-
                      ‘अन्नदाता सुखी भव’ ‘‘
अध्यक्ष महोदय, हमारी सरकार ने माननीय वाजपेयी जी की इस प्रार्थना को पूरा करने का ईमानदारी से प्रयास किया है।
9.    सूखा-प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिये हमारी सरकार ने त्वरित निर्णय लेकर विभिन्न कदम उठाये:-

  फसल हानि के लिए 8 लाख से अधिक किसानों को असिंचित खेती के लिए 6 हजार 800 रुपये प्रति एकड़ तथा सिंचित खेती के लिए 13 हजार 500 रुपये   प्रति एकड़ के मान से लगभग 450 करोड़ की सहायता राशि दी गई।
 सिंचाई पंपों के लिए 1 हजार 500 यूनिट अतिरिक्त बिजली निःशुल्क दी गई।
 सूखा-प्रभावित किसानों के ऋण को ब्याजरहित मध्यमकालीन ऋण में परिवर्तित करने तथा आंशिक ऋण माफी के विकल्प दिये गये। सूखा-प्रभावित      किसानों को ऋण सहायता, एवं अल्पकालीन ऋण ब्याज अनुदान, हेतु बजट में 223 करोड़ का प्रावधान है।
 आगामी वर्ष में 1 क्विंटल तक निःशुल्क प्रमाणित धान बीज प्रदाय करने के लिये 150 करोड़ का प्रावधान है, जिससे लगभग 7 लाख से अधिक लघु एवं  सीमांत किसान लाभान्वित होंगे।
 सूखा-प्रभावित किसानों को बेटियों के विवाह हेतु 30 हजार की बढ़ी हुई दर से एकमुश्त सहायता के लिए मुख्य मंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत 8 करोड़  का नवीन प्रावधान है।
10.    माननीय प्रधान मंत्री जी द्वारा नई किसान-हितैषी फसल बीमा योजना प्रारंभ करने के लिये मैं उनका आभारी हूं। फसल बीमा के लिए चालू बजट में प्रावधानित 50 करोड़ को बढ़ाकर 200 करोड़ किया गया है।
11.    सरगुजा में शक्कर कारखाने की स्थापना उपरांत कबीरधाम जिले के पंडरिया में नये शक्कर कारखाने की स्थापना की जा रही है। इस हेतु 28 करोड़ अंशपूंजी अनुदान का प्रावधान है।
12.    राज्य के सभी किसानों को 3 वर्ष में एक बार मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने के इस वर्ष प्रारंभ अभियान तथा 19 नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए 21 करोड़ का प्रावधान है।
13.    दलहन बीज उत्पादन एवं वितरण अनुदान की गत वर्ष आरंभ योजना के उत्साहवर्धक परिणाम आये हैं। राज्य को दलहन उत्पादन में सर्वाधिक वृद्धि के लिये कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ है। कृषक समग्र विकास योजना के प्रावधान से इस हेतु अनुदान दिया जायेगा।
14.    कृषि यंत्र सेवा केन्द्र योजना अंतर्गत संचालित 422 केन्द्रों की संख्या में 250 केन्द्रों की बड़ी वृद्धि हेतु 15 करोड़ का प्रावधान है।
15.    कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बजट में अनेक प्रावधान हैं:-

   इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना, 24 हजार जर्मप्लाज़्म की डी.एन.ए. फिंगरप्रिटिंग तथा ऑडिटोरियम, कृषि      अभियांत्रिकी महाविद्यालय भवन व क्लासरूम क्लस्टर के निर्माण हेतु 6 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
   कांकेर, कोरिया, राजनांदगांव, रायगढ़ एवं बेमेतरा कृषि महाविद्यालयों तथा जगदलपुर में उद्यानिकी महाविद्यालय के भवनों के निर्माण हेतु 12 करोड़    का प्रावधान है।
   कामधेनु विश्वविद्यालय में भवन निर्माण तथा खेल परिसर हेतु 21 करोड़ 57 लाख का प्रावधान है।
   पशु चिकित्सा महाविद्यालय, बिलासपुर के भवन निर्माण हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है।
  मत्स्यिकी महाविद्यालय, कबीरधाम हेतु आवश्यक पदों का सृजन प्रावधानित है। साथ ही कॉलेज के छात्रों को देश में अन्यत्र व्यवहारिक प्रशिक्षण हेतु       शिष्यवृत्ति प्रारंभ करने के लिए प्रावधान है।
16.    जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये राज्य में जैविक प्रमाणीकरण संस्था की स्थापना की जायेगी और जैविक खेती मिशन आरंभ किया जायेगा। इस हेतु 20 करोड़ का प्रावधान है।
17.    जिला कोण्डागांव में नवीन कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना के लिये भूमि की व्यवस्था हेतु 1 करोड़ 94 लाख का प्रावधान है।
18.    15 पशु औषधालयों का पशु चिकित्सालयों में उन्नयन एवं 15 नवीन पशु औषधालयों की स्थापना प्रावधानित है। 12 पशु चिकित्सा संस्थानों के भवनों के निर्माण हेतु 2 करोड़ का प्रावधान है।
19.    भूमि विकास बैंकों के सहकारी बैंकों मंे विलय के फलस्वरूप संचित हानि एवं प्रावधान के लिये 42 करोड़ 63 लाख प्रावधानित है।
सिंचाई
20.    राज्य की वर्तमान सिंचाई क्षमता बोए गए क्षेत्रफल का लगभग 35 प्रतिशत है। सिंचाई की बढ़ोत्तरी के लिए 2 हजार 564 करोड़ का प्रावधान है, जिसमें नवीन योजनाओं हेतु 296 करोड़ का प्रावधान सम्मिलित है। आगामी वर्ष में 83 हजार हैक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्माण का लक्ष्य है, जिससे सिंचाई क्षमता के क्षेत्रफल में डेढ़ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी। प्रमुख परियोजनाओं हेतु प्रावधान निम्नानुसार हैं:-

   अरपा भैंसाझार परियोजना के लिए 169 करोड़
   महानदी परियोजना समूह की नहरों की रिमॉडलिंग और लाईनिंग के लिए 163 करोड़
   सोंढूर परियोजना के लिए 49 करोड़
   केलो परियोजना के लिए 47 करोड़
   मोंगरा बैराज फेज-2 के लिए 43 करोड़
21.    23 हजार कृषि पंपों के परंपरागत और सौर ऊर्जा से ऊर्जीकरण के लिये 243 करोड़ का प्रावधान है।
22.    विद्यमान संरचनाओं पर आधारित 25 सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के लिये 22 करोड़ का प्रावधान है।
समावेशी विकास
23.    अध्यक्ष महोदय, छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों का विकास हमारी सर्वोच्च जिम्मेदारी है। यह जिम्मेदारी तब पूरी होगी जब सुदूर वनांचलों में रहने वाले  आदिवासी वर्ग और सदियों से अवसरों से वंचित अनुसूचित जाति वर्ग को जीवन की आधारभूत आवश्यकताएं और अपनी बेहतरी के साधन उपलब्ध हों।
24.    बजट में बस्तर के लिये जगदलपुर में सार्वजनिक-निजी भागीदारी से ट्रामा सेंटर से युक्त 100 बिस्तर अस्पताल की आगामी वर्ष स्थापना के लिए प्रावधान है। इसके अलावा एन.एम.डी.सी. के सहयोग से जगदलपुर में 100 बिस्तर सुपरस्पेशलिटी अस्पताल भी स्थापित किया जाएगा।
25.    सरगुजा क्षेत्र के लिए भी सार्वजनिक-निजी भागीदारी से 100 बिस्तर अस्पताल के लिए प्रावधान है। सरगुजा में मेडिकल कॉलेज के भवन एवं अस्पताल हेतु 24 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
26.    जिला अस्पताल, कांकेर को 100 बिस्तर से 200 बिस्तर किया जायेगा तथा बस्तर व सूरजपुर में 100 बिस्तर के जिला अस्पताल प्रारंभ किये जायेंगे। 10 नवीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा 7 नये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए प्रावधान है।
27.    विशेष पिछड़ी जनजातियों का शत-प्रतिशत स्वास्थ्य परीक्षण, स्वास्थ्य कार्ड वितरण तथा स्वास्थ्य बीमा देने का अभियान इस वर्ष संचालित करने हेतु प्रावधान है।
28.    माननीय प्रधान मंत्री जी द्वारा देखे और सराहे गये दंतेवाड़ा एजुकेशन सिटी के समान एजुकेशन सिटी उद्योगों के सहयोग से सुकमा एवं बीजापुर में  स्थापित किये जाएंगे।
29.    आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में 39 हाईस्कूलों का हायर सेकेण्डरी स्कूलों में तथा 30 मिडिल स्कूलों का हाईस्कूलों में उन्नयन किया जाएगा।
30.    स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेते हुए, आश्रम शालाओं एवं छात्रावासों के रहवासी छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु स्वामी विवेकानंद गुरूकुल उन्नयन योजना प्रारंभ करने हेतु 119 करोड़ का प्रावधान है। इस बजट से, योजना अंतर्गत-

   राज्य की सभी 201 भवनविहीन आश्रम शालाओं के लिए 2 वर्ष में बजट तथा संसाधनों के अभिसरण से भवन स्वीकृत करने की योजना है। इस बजट में      47 आश्रम भवनों का निर्माण प्रावधानित है।
  75 आश्रम शालाओं और छात्रावासों में शौचालय और स्नानागारों की 5-5 इकाईयां, 62 कन्या आश्रम शालाओं और छात्रावासों में रहवासी अधीक्षिका के       लिए आवासगृह निर्माण, तथा 542 आश्रम-छात्रावासों में गार्ड रूम निर्माण किया जायेगा।
  जगदलपुर तथा मुंगेली में क्रीड़ा परिसर की स्थापना की जायेगी।
  सभी 16 क्रीड़ा परिसरों में पोषण आहार, खेल पोषाक दर एवं खेल प्रशिक्षण शिविरों तथा शिक्षण अमले में बढ़ोत्तरी की जायेगी।
  आदर्श छात्रावासों को पुरुस्कार, बस्तर के छात्रों के अध्ययन भ्रमण तथा नगरीय छात्रावासों एवं आश्रमों में रसोई गैस के लिए प्रावधान है।
  शिष्यवृत्ति की दर बढ़ाकर 850 रुपये प्रतिमाह की जायेगी।
31.    सरगुजा में विज्ञान केन्द्र की स्थापना हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है।
32.    बस्तानार, उदयपुर, लुण्ड्रा और कांसाबेल में आई.टी.आई. की स्थापना हेतु प्रावधान है।
33.    बस्तर एवं सरगुजा के विश्वविद्यालयों को 20 करोड़ की लागत से भवनों के निर्माण हेतु सहायता दी जाएगी।
34.    बीजापुर, रामानुजगंज, चारामा, भैरमगढ़, सारंगढ़, मस्तुरी, लैलूंगा, शिवरीनारायण एवं जैजेपुर में नगरीय जल प्रदाय योजनाओं हेतु प्रावधान है। विकासखंड नवागढ़ के अमलडीहा एनीकट पर आधारित समूह, विकासखंड मानपुर के औंधी समूह और विकासखंड चौकी के चिल्हाटी समूह के लिए सामूहिक ग्रामीण जल प्रदाय योजनाओं हेतु प्रावधान है। मोहला, देवभोग एवं नगरी विकासखंडों के लिये पी.एच.ई. उपखंड स्थापित किया जाएगा।
35.    विशेष पिछड़ी जनजातियों के 175 ग्रामों में पेयजल व्यवस्था हेतु 3 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
36.    अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति उपयोजना क्षेत्रों में आगामी 3 वर्षों में पी.डब्ल्यू.डी. अंतर्गत 5 हजार किलोमीटर लंबाई की सड़कें उन्नयित करने के लिए प्रावधान है। इसके अतिरिक्त प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 2 हजार 476 किलोमीटर लंबाई की सड़कों के निर्माण से 766 बसाहटों को 1 हजार 62 करोड़ की लागत से निर्मित करने हेतु प्रावधान है।
37.    बस्तर एवं सरगुजा क्षेत्रों में 44 हजार पंपों का ऊर्जीकरण किया गया है तथा आगामी वर्ष में 4 हजार और पंपों के ऊर्जीकरण के लिए प्रावधान है। मार्च 2018 तक 4 हजार 490 बसाहटों को तथा मार्च 2017 तक सभी अविद्युतीकृत 795 ग्रामों के विद्युतीकरण के लिए 571 करोड़ की लागत की परियोजना स्वीकृत की गई है। मार्च 2017 तक सभी अविद्युतीकृत 7 हजार स्कूलों तथा सभी 9 हजार अविद्युतीकृत आंगनबाड़ियों के विद्युतीकरण की योजना है।
38.    उदय योजना का लाभ लेते हुए राज्य की विद्युत कंपनियों द्वारा क्षेत्र में लो वोल्टेज समस्या को हल करने और बढ़ती मांग की पूर्ति हेतु 700 करोड़ की लागत से 80 सबस्टेशन दो वर्षों में स्थापित किये जाएंगे।
39.    जगदलपुर तक नियमित उड़ानें संचालित करने के लिये जगदलपुर हवाईपट्टी को विकसित करने हेतु 23 करोड़ का प्रावधान है।
40.    हमारे घोषणा-पत्र में किये वायदे को पूरा करते हुये, विशेष पिछड़ी जनजाति के सभी परिवारों को सूचना जागरूकता हेतु रेडियो एवं दैनिक आवश्यकता हेतु छाता प्रदाय के लिए प्रावधान है। इन परिवारों को कम्बल वितरण की व्यवस्था कैम्पा के माध्यम से की जाएगी।
41.    संरक्षित वन क्षेत्रों के 23 हजार परिवारों को तेंदूपत्ता संग्रहण की क्षतिपूर्ति के लिए 2 हजार रुपये प्रति परिवार सहायता इस वर्ष से दी जाएगी।
42.    शहीद वीरनारायण सिंह एवं गुरू घासीदास जी की जयंतियों को उल्लासपूर्वक मनाने के लिए बजट में 75 लाख का प्रावधान है। हर साल राष्ट्रीय स्तर के आदिवासी सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित किया जाएगा, जिसके लिए 1 करोड़ का प्रावधान है।
संचार
43.    अध्यक्ष महोदय, संचार के लिये हमारी रणनीति न केवल आज बल्कि भविष्य की जरूरतों के लिए सड़क व रेल नेटवर्क निर्मित करना, यातायात को सुरक्षित एवं सुगम बनाना, तथा राज्य की औद्योगिक धुरियों को वायुमार्ग से जोड़ना है।
सड़क
44.    राज्य की पी.डब्ल्यू.डी. सड़कों का नेटवर्क 32 हजार किलोमीटर का है। हमारी सरकार ने 42 हजार करोड़ के निवेश से आगामी तीन वर्षों के लिए इस नेटवर्क के 13 हजार किलोमीटर का राज्य और केन्द्र की योजनाओं से उन्नयन करने की महत्वाकांक्षी कार्ययोजना बनाई है। इसमें राज्य की योजना अंतर्गत 8 हजार 745 किलोमीटर लंबाई की सड़कों का उन्नयन सम्मिलित है।
45.    इस बजट में सड़कों के उन्नयन तथा रेलवे अंडरब्रिज व ओवरब्रिज और पुलों के निर्माण के लिये 4 हजार 640 करोड़ का प्रावधान है, जो चालू वर्ष के प्रावधान से 56 प्रतिशत अधिक है। इसके अतिरिक्त, प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्य मंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्य मंत्री ग्राम गौरव पथ योजना अंतर्गत कुल 1 हजार 461 करोड़ का प्रावधान है। इस प्रकार बजट में सड़क कार्य हेतु कुल 6 हजार 101 करोड़ का प्रावधान है।
46.    मुख्य मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अब तक 2 हजार 620 किलोमीटर सड़कें निर्मित की जा चुकी हैं। आगामी वर्ष में 158 नवीन सड़कों के निर्माण के लिये 150 करोड़ तथा निर्माणाधीन कार्याें को पूर्ण करने के लिये 150 करोड़ का प्रावधान है। मुख्य मंत्री ग्राम गौरव पथ योजना के अंतर्गत 175 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
रेल
47.    विगत 160 वर्षों में छत्तीसगढ़ में मात्र 1 हजार 196 किलोमीटर रेल लाईनों का विकास हुआ था। राज्य के कुछ जिले ही रेल संपर्क से जुड़े थे। हमने 1 हजार 300 किलोमीटर से अधिक रेल नेटवर्क मात्र 5-6 वर्षों में तैयार करने की रणनीति बनाई है। इसके तहत 546 किलोमीटर रेल लाईन की वृद्धि राज्य एवं केन्द्र सरकार के उपक्रमों के माध्यम से हो रही है। दल्ली राजहरा-रावघाट रेल लाईन का 17 किलोमीटर निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है और जगदलपुर तक लाईन के लिये सर्वे कार्य जारी है। खरसिया-धरमजयगढ़-कोरबा और कोरबा-पेण्ड्रारोड रेल लाईन का विकास कार्य भी तेजी से चल रहा है।
48.    इसके अतिरिक्त रेल मंत्रालय, भारत सरकार एवं राज्य शासन के बीच नवीन रेल लाईनों के निर्माण हेतु एक एम.ओ.यू. संपादित किया गया है। रायपुर-बलौदाबाजार-झारसुगुड़ा, अंबिकापुर-बरवाडीह एवं डोंगरगढ़-कवर्धा- मुंगेली-बिलासपुर-कटघोरा रेल लाईनों को विकसित करने की योजना है। इससे रेल नेटवर्क में लगभग 780 किलोमीटर की वृद्धि होगी जिससे राज्य का रेल नेटवर्क दुगुना हो जायेगा।
49.    सार्वजनिक-निजी भागीदारी से रेल नेटवर्क विस्तार हेतु अंशपूंजी के लिए 55 करोड़ का प्रावधान है।
विमानन
50.    स्वामी विवेकानंद विमानतल, रायपुर विस्तार तथा रायगढ़ की हवाईपट्टी के विमानतल में उन्नयन हेतु 126 करोड़ का प्रावधान है।
परिवहन
51.    रायपुर से केन्द्री छोटी लाईन की भूमि को रेलवे से प्राप्त करने के लिये 139 करोड़ का प्रावधान है। इसका उपयोग रायपुर नगर में सड़क बनाकर यातायात के दबाव को कम करने और एयरपोर्ट व नया रायपुर तक सार्वजनिक यातायात सेवायें विकसित करने के लिये किया जायेगा।
52.    नया रायपुर में बस रेपिड ट्रांजिट सिस्टम हेतु बसों के क्रय और संचालन के लिये 15 करोड़ का प्रावधान है।
53.    नारायणपुर, सुकमा एवं बीजापुर जिलों में जिला परिवहन कार्यालय खोलने के लिए प्रावधान है।
54.    रायपुर में अत्याधुनिक वाहन परीक्षण केन्द्र की स्थापना के लिए 14 करोड़ 40 लाख का प्रावधान है।
स्वास्थ्य
55.    अध्यक्ष महोदय, ’’सबके लिये स्वास्थ्य’’ के लिए हमारी रणनीति खाद्य व पोषण सुरक्षा, स्वच्छ परिवेश, पेयजल, ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे स्वास्थ्य सेवायें, अस्पतालों में डॉक्टरों और बिस्तरों की उपलब्धता, तथा हर व्यक्ति को इलाज के लिए आर्थिक सहायता सुनिश्चित करना है।
खाद्य एवं पोषण सुरक्षा
56.    गर्भवती महिलाओं के पोषण में सुधार हेतु आंगनबाड़ी केन्द्रों में पका हुआ भोजन प्रतिदिन एक बार उपलब्ध कराये जाने हेतु महतारी जतन योजना प्रारंभ की जाएगी। इस हेतु 25 करोड़ का प्रावधान है।
57.    बच्चों के पूरक पोषण हेतु दूध प्रदाय के लिए मुख्य मंत्री अमृत योजना प्रारंभ की जाएगी:-

  आंगनबाड़ी केन्द्रों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को सप्ताह में एक बार सुगन्धित मीठा दूध देने के लिए 25 करोड़ का प्रावधान है।
  बस्तर और कबीरधाम जिलों में आठवीं कक्षा तक के छात्रों को सप्ताह में एक बार सोया दूध देने के लिए 6 करोड़ 61 लाख का प्रावधान है। पाइलट आधार   पर प्रारंभ की जाने वाली इस योजना को संसाधनों के अभिसरण से बालोद जिले में भी चलाया जाएगा।
58.    मुख्य मंत्री बाल संदर्भ योजना अंतर्गत कुपोषित बच्चों को अस्पताल पहुंचाने की सुविधा प्रारंभ करने हेतु ढाई करोड़ का नवीन प्रावधान है।
59.    मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के संचालन हेतु 542 करोड़ का प्रावधान है।
60.    मुख्य मंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के अंतर्गत लगभग 60 लाख परिवारों की खाद्य सुरक्षा हेतु 3 हजार 300 करोड़ का प्रावधान है।
स्वच्छ भारत
61.    स्वच्छ भारत हेतु ग्रामीण क्षेत्र के लिये 400 करोड़ तथा नगरीय क्षेत्र के लिये 300 करोड़ का प्रावधान है।
62.    स्वच्छ भारत मिशन के कार्यान्वयन में छत्तीसगढ़ अग्रणी है। माननीय प्रधान मंत्री जी ने कुछ दिवस पूर्व राजनांदगांव जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखंड अम्बागढ़ चौकी और छुरिया को खुले में शौच से मुक्त घोषित करते हुये हमारा आत्मविश्वास बढ़ाया है। राज्य में अब तक 1 हजार 554 गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है।
63.    स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में शौचालय निर्माण के लिये नियत 5,333 रुपये प्रति शौचालय की शासकीय सब्सिडी के बराबर, इतनी ही अतिरिक्त सब्सिडी राज्य के बजट से देने हेतु 100 करोड़ का प्रावधान है।
पेयजल
64.    ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ जल प्रदाय के लिये 525 करोड़ लागत की 8 नवीन समूह जल प्रदाय योजनाओं के लिये प्रावधान है। इन योजनाओं से कुल 4 लाख 77 हजार लोग लाभान्वित होंगे।
65.    16 नगर पंचायतों के लिये 200 करोड़ लागत से नगरीय जल प्रदाय योजनाओं के लिये प्रावधान है। इससे ढाई लाख लोग लाभान्वित होंगे।
स्वास्थ्य सेवाएं  
66.    अध्यक्ष महोदय, राज्यव्यापी आधार पर स्वास्थ्य बीमा की सुरक्षा उपलब्ध कराने की देश में सबसे बड़ी योजना छत्तीसगढ़ संचालित कर रहा है। मुख्य मंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना अंतर्गत 16 लाख परिवारों के स्वास्थ्य बीमा के लिये बीमा कवर की राशि 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की जायेगी। गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु पत्रकारों को इसके अलावा 20 हजार का अतिरिक्त स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध होगा। योजना हेतु 60 करोड़ का प्रावधान है।
67.    इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के सफल क्रियान्वयन में भी राज्य अग्रणी रहा है। इस योजना में अब तक 4 लाख लोगों को 347 करोड़ रुपये के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। आगामी वर्ष में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को 30 हजार का अतिरिक्त स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध होगा। योजना के लिये 2015-16 में 109 करोड़ के प्रावधान को बढ़ाकर इस बजट में 250 करोड़ किया गया है।
68.    राज्य में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की दृष्टि से सभी 155 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और 492 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 24 घंटे प्रसव की सुविधा प्रारंभ करने के लिये प्रावधान है। इस प्रकार आगामी वर्ष में राज्य की 68 प्रतिशत प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थाओं में यह सुविधा शुरू करने की योजना है।
69.    अस्पतालों में 2 हजार 400 नई बिस्तर क्षमता का निर्माण कर, बिस्तर क्षमता में 44 प्रतिशत की वृद्धि के लिये प्रावधान है। इस हेतु-

    जिला अस्पताल दुर्ग को 400 बिस्तर से 500 बिस्तर किया जायेगा।
   4 जिला अस्पतालों को 100 बिस्तर से 200 बिस्तर किया जायेगा।
   6 जिलों में 100 बिस्तर के जिला अस्पतालों के लिये उपकरण एवं फर्नीचर की व्यवस्था कर इन्हें प्रारंभ किया जायेगा।
    रायगढ़ और राजनांदगांव जिलों के नये 100 बिस्तर जिला अस्पताल का प्रावधान है।
   नया रायपुर, मठपुरैना, गुढ़ियारी, खुर्सीपार (छावनी), कुरुद, भाटापारा और मनेन्द्रगढ़, कुल 7 स्थानों में नये 100 बिस्तर सिविल अस्पताल का प्रावधान है।
    15 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उन्नयन का प्रावधान है।
70.    राज्य के सभी शासकीय अस्पतालों में भर्ती मरीजों के भोजन की दर 60 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 100 रुपये प्रतिदिन की जायेगी।
71.    दाऊ कल्याण सिंह अस्पताल परिसर में न्यूरोसर्जरी, नेफ्रॉलजी, प्लास्टिक सर्जरी और पिडियाट्रिक सर्जरी सुपरस्पेशलिटी सुविधायें प्रारंभ की जायेंगी। वहां च्म्ज् स्कैन की सुविधा सुलभ होगी जिसके लिये वर्तमान में लोगों को राज्य के बाहर जाना पड़ता है। इस हेतु 21 करोड़ का प्रावधान है।
72.    शासकीय मेडिकल कॉलेजों में एम.सी.आई. के मानकों के अनुसार सुविधायें विकसित करने के लिये उपकरणों व फर्नीचर के लिये 81 करोड़ एवं अधोसंरचना विकास हेतु 150 करोड़ का प्रावधान है।
73.    सिम्स, बिलासपुर के नवीन भवन निर्माण हेतु प्रावधान है।
74.    नर्सिंग महाविद्यालय, दुर्ग एवं राजनांदगांव के नये भवनों के निर्माण के लिये 2 करोड़ का प्रावधान है।
आयुष
75.    राजनांदगांव, कबीरधाम, जशपुर एवं धमतरी जिलों में आयुष पॉलीक्लिनिक भवन निर्माण हेतु प्रावधान है। आयुर्वेदिक महाविद्यालय, रायपुर में 4 विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जायंेगे।
76.    1 हजार गांवों में योग प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण शिविरों हेतु प्रावधान है।
सुरक्षा
77.    अध्यक्ष महोदय, नक्सलवाद के विरुद्ध हमारी रणनीति सुरक्षा और विकास दोनों को ही मजबूत करना है। केन्द्रीय तथा राज्य सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान से अर्जित सफलताओं के परिणाम सामने आ रहे हैं।
पुलिस एवं जेल प्रशासन
78.    एक बड़े क्षेत्र से नक्सलवाद को समाप्त करने में हम सफल हुए हैं। सुरक्षा बलों को और सशक्त करने के लिए 4 नये बटालियन गठित किये जाएंगे। इस हेतु 4 हजार पदों का प्रावधान है, जिनमें से 3 हजार पदों पर राज्य के अत्यंत नक्सल-प्रभावित जिलों से भर्ती की जाएगी।
79.    राज्य के 70 हजार सुरक्षाकर्मियों के लिए मात्र 16 हजार आवास उपलब्ध हैं। इसमें बड़ी वृद्धि के लिए ऋण लेते हुए लगभग 1 हजार करोड़ की लागत से 10 हजार आवास आगामी 2 वर्ष में बनाये जायेंगे।
80.    पुलिस स्थापना हेतु 1 हजार पद का प्रावधान है।
81.    कैदी संख्या अनुरूप जेल बैरकों के निर्माण तथा अन्य जेल अधोसंरचना एवं सुविधाओं के लिए 21 करोड़ 66 लाख का प्रावधान है।
अग्निशमन-सह-आपात् सेवायें
82.    आगामी वर्ष में 10 नगरों - रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, कोरबा, रायगढ़, अंबिकापुर, जगदलपुर, कवर्धा और जांजगीर - में फायर स्टेशन स्थापित करने हेतु प्रावधान है।
स्वावलंबन
83.    अध्यक्ष महोदय, स्वावलंबी छत्तीसगढ़ की रणनीति के तहत युवाओं की क्षमताओं का विकास कर उद्योग और अर्थव्यवस्था की जरूरतों से जोड़ा जायेगा, उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा, और ग्रामोद्योग एवं वन जैसे परंपरागत क्षेत्रों को भी बढ़ावा दिया जायेगा।
उद्योग
84.    भिलाई में इंजीनियरिंग पार्क, धमतरी में फूड पार्क, राजनांदगांव में प्लास्टिक पार्क, कोरबा में एल्युमिनियम पार्क तथा नया रायपुर में इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किये जा रहे हैं।
85.    औद्योगिक क्षेत्रों के उन्नयन एवं संधारण हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।
86.    राज्य खाद्य प्रसंस्करण मिशन के लिये 14 करोड़ का प्रावधान है।
87.    नया रायपुर में सम्मेलनों एवं प्रदर्शनियों के आयोजन हेतु डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्योग एवं व्यापार परिसर में कन्वेंशन सेंटर, निर्यात फेसिलिटेशन सेंटर तथा शिल्प ग्राम सहित आवश्यक अधोसंरचना के लिये 25 करोड़ का प्रावधान है।
88.    राज्य की औद्योगिक नीति के अंतर्गत औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये दी जा रही सब्सिडी के चालू बजट में 90 करोड़ के प्रावधान को बढ़ाकर 120 करोड़ किया गया है।
ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस
89.    ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी 4 राज्यों में है। इस दिशा में आने वाले वर्ष में अनेक और सुधार किये जायेंगे।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी
90.    माननीय प्रधान मंत्री जी ने स्वयं राज्य की नवाचार एवं उद्यमिता विकास नीति का शुभारंभ किया है। इसके अंतर्गत इन्क्यूबेटर-सह-ऐक्सेलरेटर की स्थापना हेतु 8 करोड़ 70 लाख, स्टार्ट-अप उद्यमियों को ब्याजमुक्त ऋण के लिये लीप ऑफ फेथ फंड की स्थापना हेतु 50 लाख, तथा वेंचर कैपिटल देने के लिये उद्यम पूंजी निधि की स्थापना हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है।
91.    डिग्री पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत छात्रों को आई. टी. तथा आई. टी. समर्थित सेवा उद्योगों के लिये कौशल विकास एवं प्लेसमेंट हेतु मुख्य मंत्री युवा स्वावलंबन योजना आरंभ की जायेगी। वर्ष 2016-17 में 5 हजार छात्रों को कौशल विकास प्रशिक्षण के लिये 5 करोड़ का प्रावधान है।
कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा
92.    युवाओं को कौशल विकास का अधिकार देने वाला छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है। इस वर्ष 85 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। कौशल विकास हेतु मुख्य मंत्री कौशल विकास योजना एवं स्किल डेवलपमेंट इनिशिएटिव योजना अंतर्गत कुल 144 करोड़ का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त लाइवलीहुड कॉलेजों के अधोसंरचना निर्माण हेतु 51 करोड़ का प्रावधान है।
93.    8 नवीन आई.टी.आई. की स्थापना प्रस्तावित है। आई.टी.आई. डोंगरगांव हेतु भवन एवं छात्रावास निर्माण हेतु प्रावधान है। आई.टी.आई. सीटों की संख्या में आगामी वर्ष में 1 हजार 136 सीटों की वृद्धि होगी।
94.    छत्तीसगढ़ युवा क्रांति योजना अंतर्गत 74 हजार छात्रों को लैपटॉप एवं टेबलेट प्रदाय करने हेतु 80 करोड़ का प्रावधान है।
95.    ट्रिपल आईटी नया रायपुर की सीटों को आगामी सत्र से 80 से बढ़ाकर 120 किया जायेगा। ट्रिपल आईटी के लिये 10 करोड़ प्रावधान है तथा इसके अतिरिक्त उद्योग की सहभागिता से 82 करोड़ की लागत से अधोसंरचना विस्तार इस वर्ष प्रारंभ किया जायेगा।
96.    शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय, रायपुर में सिविल, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जायेंगे।
97.    बेरला में नवीन पॉलीटेक्निक प्रारंभ, शासकीय पॉलीटेक्निक, मुंगेली के भवन, तथा कन्या पॉलीटेक्निक, रायपुर के छात्रावास निर्माण हेतु प्रावधान है।
ग्रामोद्योग
98.    कोसा व्यवसाय हेतु नैसर्गिक कोसा उत्पादन विकास योजना तथा मलबरी एवं टसर विस्तार कार्यक्रम हेतु 10 करोड़ 63 लाख का प्रावधान है।
वन
99.    हरियाली प्रसार योजना हेतु प्रावधान बढ़ाकर 63 करोड़ किया गया है।
100.    ग्रामीण अंचलों में बांस की मांग को देखते हुये बाड़ी बांस योजना प्रारंभ की जायेगी, जिसमें उन्नत बांस के पौधे लगाने के लिये निःशुल्क उपलब्ध कराये जायेंगे। इस हेतु 2 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
खनिज साधन
101.    पारदर्शितापूर्ण नीलामी से खनि पट्टों का आबंटन कर छत्तीसगढ़ ने देश में ऐसा करने वाला प्रथम राज्य बनने का गौरव हासिल किया है। चूना पत्थर और सोने के खनि पट्टों की नीलामी से राज्य को रॉयल्टी के अलावा आगामी वर्षों में लगभग 5 हजार करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
102.    खनिज रायल्टी पर जिला खनिज संस्थानों को देय अंशदान से विकास गतिविधियों के लिए लगभग 900 करोड़ प्रतिवर्ष प्राप्त होने का अनुमान है।
सक्षमता
103.    अध्यक्ष महोदय, सक्षम छत्तीसगढ़ के लिये हमारी रणनीति ‘‘सबके लिए शिक्षा’’, ‘‘सबके लिए आवास’’, ‘‘सबके लिए बिजली’’, सुशासन और कमजोर वर्गों का कल्याण है।
स्कूल शिक्षा
104.    राज्य के वित्तीय संसाधनों का सबसे बड़ा भाग, 11 हजार 144 करोड़, स्कूल शिक्षा के लिए प्रावधानित है।
105.    सर्व शिक्षा अभियान हेतु 2 हजार 200 करोड़ एवं राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान हेतु 682 करोड़ का प्रावधान है।
106.    राज्य में प्रति 23 छात्रों के लिए एक शिक्षक की उपलब्धता सुनिश्चित की जा चुकी है, और यह उपलब्धि राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।
107.    आगामी वर्ष से सभी शिक्षकों व शिक्षाकर्मियों के नियमित रूप से वेतन भुगतान हेतु जिला स्तर से सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान किया जायेगा।
108.    आगामी वर्ष में 80 हाईस्कूलों का हायर सेकेण्डरी स्कूलों में, 100 मिडिल स्कूलों का हाईस्कूलों में तथा 15 प्राथमिक स्कूलों का मिडिल स्कूलों में उन्नयन किया जाएगा। 6 नये प्राथमिक स्कूल खोले जाएंगे।
उच्च शिक्षा
109.    हमारी सरकार ने एक ओर शासकीय महाविद्यालयों की संख्या दुगुनी की है, वहीं दूसरी ओर छात्राओं की स्नातक स्तर की शिक्षा निःशुल्क की है। फलस्वरूप, 18 से 23 वर्ष आयु-समूह में उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्रों का अनुपात वर्ष 2003-04 की तुलना में 5 गुना हो गया है, तथा शासकीय महाविद्यालयों में दर्ज छात्रों की संख्या 1 लाख 77 हजार हो गई है।
110.    बढ़ी संख्या के लिए चालू बजट में 94 महाविद्यालयों में 115 करोड़ लागत से क्लासरूम निर्माण के फलस्वरूप लगभग 50 हजार छात्रों के शिक्षण हेतु अतिरिक्त क्षमता इस वर्ष निर्मित होगी।
111.    उच्च शिक्षा में सतत अधोसंरचना विकास, परिवेश सुधार और गुणात्मक सुधार के लिये स्वामी विवेकानंद ज्ञानदीप योजना आरंभ की जायेगी। इसके लिए 19 करोड़ के नवीन प्रावधान तथा राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान से 65 करोड़ प्रावधान का उपयोग किया जाएगा। इस बजट से 5 आदर्श आवासीय महाविद्यालयों व 40 महाविद्यालयों में क्लासरूम का निर्माण सम्मिलित हैं।
112.    उच्च शिक्षा के अवसरों में विस्तार के लिए 14 स्नातक महाविद्यालयों को स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में उन्नयित किया जाएगा। 62 स्नातक महाविद्यालयों में नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जाएंगे। शासकीय महाविद्यालय लैलूंगा, रायपुर एवं बालोद में कन्या छात्रावास की स्थापना की जाएगी।
113.    बस्तर, कांकेर (महिला), बेमेतरा एवं बिलासपुर महाविद्यालय के नवीन भवन निर्मित किये जाएंगे। शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, भाटापारा एवं शिवनाथ महाविद्यालय, राजनांदगांव में ऑडिटोरियम का निर्माण, तथा साईंस कॉलेज, रायपुर में ऑडिटोरियम का उन्नयन, किया जाएगा।
114.    राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान से बिलासपुर एवं दुर्ग विश्वविद्यालयों को 20 करोड़ लागत के भवन के निर्माण, तथा पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय एवं कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय को 20 करोड़ की लागत के क्षमता विस्तार व उन्नयन, के लिए सहायता दी जाएगी।

सबके लिये आवास
115.    ’’2022 तक सबके लिये आवास’’ मिशन के अंतर्गत सभी राज्यों में छत्तीसगढ़ ने सबसे पहले निर्माण प्रारंभ किया है। 1 हजार 900 करोड़ की स्वीकृत परियोजनाओं से 26 हजार आवास निर्मित किये जायेंगे।
116.    प्रधान मंत्री आवास योजना अंतर्गत वर्तमान में प्रावधानित 1 लाख के शासकीय अनुदान के अतिरिक्त, राज्य सरकार गंदी बस्तियों में निवासरत हितग्राहियों को प्रति आवास 4 लाख तक का अनुदान देगी। इस हेतु ढाई हजार आवासों के निर्माण के लिये 100 करोड़ के प्रावधान सहित मिशन के लिये 400 करोड़ का प्रावधान है।
विद्युत प्रदाय
117.    दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत सभी 818  अविद्युतीकृत ग्रामों को मार्च 2017 तक विद्युतीकृत किया जायेगा। इसके अतिरिक्त 5 हजार 344 अविद्युतीकृत बसाहटों को भी मार्च 2018 तक विद्युतीकृत किया जाएगा। 761 करोड़ की लागत के इन कार्यों के लिये बजट में राज्यांश के रूप में 155 करोड़ का प्रावधान है।
118.    मुख्य मंत्री मजरा टोला विद्युतीकरण योजना एवं मुख्य मंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना, प्रत्येक के लिये 44 करोड़ का प्रावधान है।
119.    राज्य के सभी स्कूलों को मार्च 2017 तक, तथा सभी आंगनबाड़ियों और स्वास्थ्य केन्द्रों को मार्च 2018 तक, विद्युतीकृत करने की कार्ययोजना है। इसके अंतर्गत 8 हजार स्कूल, 19 हजार आंगनबाड़ियां और 823 अविद्युतीकृत स्वास्थ्य केन्द्र विद्युतीकृत किये जायेंगे। इसके लिये 30 करोड़ का प्रावधान है।
120.    उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर बिजली उपलब्ध कराने हेतु 350 करोड़ की टैरिफ सब्सिडी का प्रावधान है।
121.    उदय योजना अंतर्गत राज्य की विद्युत वितरण कंपनी का 435 करोड़ ऋण राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा। इससे बिजली की दरों को नियंत्रित करने तथा उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली देने में मदद मिलेगी।
122.    182 नगरों की विद्युत वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिये एकीकृत विद्युत विकास योजना अंतर्गत 31 करोड़ राज्यांश का प्रावधान है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास
123.    माननीय प्रधान मंत्री जी द्वारा 21 फरवरी को छत्तीसगढ़ से प्रारंभ रूर्बन मिशन अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों का शहरों की तरह विकास करने के लिये राजनांदगांव, धमतरी, कबीरधाम एवं बस्तर जिले में 4 क्लस्टर बनाये गये हैं। इस हेतु 40 करोड़ का प्रावधान है।
124.    पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण तथा पंचायतों में मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्य मंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना संचालित है। इसके लिये 570 करोड़ का प्रावधान है।
125.    ग्रामीण बी.पी.एल. परिवारों को दिवंगत स्वजनों का अंतिम संस्कार सामाजिक रीतियों के अनुसार सम्मानपूर्वक करने में सहायता के लिए श्रद्धांजलि योजना प्रारंभ की जाएगी। इसके अंतर्गत 2 हजार रुपये सहायता राशि दी जायेगी। इस हेतु 10 करोड़ का प्रावधान है।
126.    2 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों के आंतरिक विद्युतीकरण के लिये 50 करोड़ का प्रावधान है।
नगरीय विकास
127.    1 लाख से अधिक जनसंख्या के नगरों हेतु प्रारंभ अमृत मिशन अंतर्गत शत-प्रतिशत स्वच्छ पेयजल कनेक्शन, सीवरेज व्यवस्था तथा उद्यान विकास किया जायेगा। रायपुर के लिये 650 करोड़ की सीवरेज परियोजना की स्वीकृति प्राप्त हो गई है। मिशन हेतु 225 करोड़ का प्रावधान है।
128.    नया रायपुर के सीवरेज सिस्टम हेतु 70 करोड़ के ब्याज-रहित ऋण का प्रावधान है।
129.    नया रायपुर के विस्थापितों के पुनर्वास हेतु 101 करोड़ का प्रावधान है।
राजस्व प्रशासन
130.    सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर राजस्व संबंधी सेवाएं समयबद्ध रूप में प्रदान करने के लिए ई-धरती योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके लिए 69 करोड़ का प्रावधान है। इसके अंतर्गत-

  जिला अभिलेखागार में भूमि संबंधी सभी पुराने अभिलेखों को कम्प्यूटरीकृत कर ऑनलाईन उपलब्ध कराया जाएगा।
  ऑनलाईन उपलब्ध खसरा, बी-1 व अन्य अभिलेखों को नियमित तौर पर अद्यतन रखनेे के लिए पटवारियों को टेबलेट दिये जाएंगे।
  नगरीय क्षेत्रों में हक संबंधी विवादों के निराकरण हेतु राजस्व सर्वेक्षण कर बड़े स्केल के नक्शे और अन्य अभिलेख तैयार किये जायेंगे।
   राजस्व न्यायालयों को ई-कोर्ट में परिवर्तित किया जायेगा।
   नगरीय राजस्व नक्शों को कम्प्यूटरीकृत कर ऑनलाईन किया जाएगा।  
131.    ग्रामीण क्षेत्र में राजस्व मामलों के समयबद्ध निपटारे हेतु पटवारियों के 575 एवं राजस्व निरीक्षकों के 77 पद निर्मित करने के लिए प्रावधान है।
जन संवाद
132.    जन संवाद के लिये नागरिक संबंध केन्द्र की स्थापना हेतु 1 करोड़  प्रावधानित है ताकि फीडबैक प्राप्त कर योजना कार्यान्वयन सुधारा जा सके।
खेल एवं युवा कल्याण
133.    सितंबर 2016 में रायपुर में एशियन वॉलीबॉल चैम्पियनशिप के आयोजन हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है। 37वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन हेतु अधोसंरचना विकास के लिए 41 करोड़ का प्रावधान है।
134.    बिलासपुर में बहुउद्देश्यीय खेल प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें प्रतिभावान युवाओं को अनुभवी प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण मिलेगा। आवश्यक पदों हेतु 50 लाख का प्रावधान है।
135.    आधारभूत खेल अधोसंरचना के विकास के लिए 45 लाख प्रति स्टेडियम की लागत से 22 मिनी स्टेडियमों के निर्माण हेतु प्रावधान है।
संस्कृति, धर्मस्व एवं पर्यटन
136.    छत्तीसगढ़वासियों को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिये दी जा रही आर्थिक सहायता समान सुविधा सिन्धु दर्शन के लिये भी दी जायेगी।
137.    सिरपुर के सांस्कृतिक विकास हेतु 1 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
138.    पर्यटन मंडल के विकास कार्यों हेतु 26 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है। इससे, अन्य कार्यों सहित, डोंगरगढ़ एवं रतनपुर में पर्यटकों के ठहरने के लिये सुविधायें विकसित की जायेंगी।
प्रशासनिक सुदृ़ढ़ीकरण
139.    प्रशासनिक अधोसंरचना सुदृढ़ करने के लिए निम्न प्रावधान हैं:-

  पांचों संभागीय मुख्यालयों में कुल 117 करोड़ की लागत के ऑडिटोरियम के निर्माण हेतु 5 करोड़ 70 लाख
   दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा एवं बस्तर में 12 करोड़ की लागत से शासकीय सेवकों के ट्रांजिट हॉस्टल निर्माण के लिए 1 करोड़ 20 लाख
   जगदलपुर में शासकीय आवास निर्माण हेतु 5 करोड़
   पुरी तथा मुंबई में छत्तीसगढ़ भवन के लिये भूमि हेतु 6 करोड़
महिला एवं बाल विकास
140.    महिलाओं एवं बच्चों के विकास हेतु आगामी वर्ष में 1 हजार 902 करोड़ का प्रावधान है, जो चालू बजट के प्रावधान से 118 करोड़ अधिक है।
141.    एकीकृत बाल विकास योजना हेतु 1 हजार 56 करोड़ का प्रावधान है।
श्रमिक कल्याण
142.    असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा मंडल श्रमिकों एवं उनके परिवार हेतु छात्रवृत्ति, कौशल विकास, इलाज सहायता आदि कल्याणकारी योजनायें संचालित कर रहा है। इस वर्ष 3 लाख 56 हजार हितग्राही लाभान्वित किये जा चुके हैं। मंडल हेतु 40 करोड़ का प्रावधान है, जिससे लगभग 4 लाख हितग्राही लाभान्वित होंगे।
निःशक्तजन सशक्तिकरण
143.    निःशक्तजनों की प्रतिभाओं के विकास में सहयोग के लिये ’’क्षितिज अपार संभावनायें’’ अभियान अंतर्गत 5 नई योजनाओं तथा विशेष पहलों के लिये 3 करोड़ 75 लाख का प्रावधान है।
144.    निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत प्रोत्साहन राशि 21 हजार सेे बढ़ाकर 50 हजार की गई है। दोनों नवविवाहित निःशक्त होने पर राशि 1 लाख होगी। इसके लिए 2 करोड़ का प्रावधान है।
पुनरीक्षित अनुमान वर्ष 2015-16
145.    अध्यक्ष महोदय, अब मैं वर्ष 2015-16 के पुनरीक्षित बजट अनुमान सदन के समक्ष प्रस्तुत करता हूं:-
(1)    राजस्व प्राप्ति का बजट अनुमान 57 हजार 956 करोड़ की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान 58 हजार 814 करोड़ है। पुनरीक्षित राजस्व व्यय अनुमान 53 हजार 730 करोड़ से बढ़कर 54 हजार 866 करोड़ है।
(2)    राजस्व आधिक्य का पुनरीक्षित अनुमान 4 हजार 227 करोड़ से घटकर 3 हजार 948 करोड़ संभावित है।
(3)    बजट में सकल राजकोषीय घाटा 6 हजार 836 करोड़ अनुमानित था, जो पुनरीक्षित अनुमान में घटकर 6 हजार 832 करोड़ होगा। इस प्रकार सकल राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 2.72 प्रतिशत है, जो कि निर्धारित सीमा 3 प्रतिशत के अदंर है।
बजट अनुमान
146.    अध्यक्ष महोदय, अब मैं 2016-17 के बजट अनुमान प्रस्तुत करता हूं:-
(1)    कुल राजस्व प्राप्ति अनुमान 61 हजार 427 करोड़ है, जिसमें केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं व केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं से प्राप्त होने वाली राशि 9 हजार 951 करोड़ शामिल है। राज्य का स्वयं का राजस्व 29 हजार 384 करोड़ है।
(2)    वर्ष 2016-17 के लिये अनुमानित सकल व्यय 73 हजार 996 करोड़ है। सकल व्यय से ऋणों की अदायगी तथा पुनर्प्राप्तियों को घटाने पर शुद्ध व्यय 70 हजार 59 करोड़ अनुमानित है। आयोजना व्यय 42 हजार 56 करोड़ तथा आयोजनेतर व्यय 28 हजार 2 करोड़ है।
(3)    आयोजना व्यय 42 हजार 56 करोड़ है, जो कुल व्यय का 60 प्रतिशत है। राज्य आयोजना व्यय 32 हजार 99 करोड़ है।
(4)    पूंजीगत व्यय 13 हजार 4 करोड़ है, जो कुल व्यय का 18.6 प्रतिशत है।
(5)    राज्य आयोजना में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के लिये 36 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति क्षेत्र के लिये 12 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है।
(6)    सामाजिक क्षेत्र के लिये 40 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिये 40 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा क्षेत्र के लिये 20 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है।
राजकोषीय स्थिति
147.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के स्वयं के राजस्व में निरन्तर वृद्धि के फलस्वरूप इस बजट में 5 हजार 37 करोड़ का राजस्व आधिक्य अनुमानित किया गया है।
(1)    राज्य का सकल राजकोषीय घाटा 8 हजार 111 करोड़ अनुमानित है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 2.88 प्रतिशत एवं निर्धारित सीमा में है।
(2)    वर्ष 2016-17 हेतु कुल प्राप्तियां 69 हजार 972 करोड़ के विरुद्ध शुद्ध व्यय 70 हजार 59 करोड़ अनुमानित है। इन वित्तीय संव्यवहारों के फलस्वरूप 87 करोड़ का शुद्ध घाटा अनुमानित है। वर्ष 2015-16 के संभावित घाटे 218 करोड़ को शामिल करते हुये वर्ष 2016-17 का कुल बजटीय घाटा 305 करोड़ अनुमानित है। इसका प्रबंधन शासकीय व्यय में मितव्ययता से किया जायेगा।
कर प्रस्ताव
148.    अध्यक्ष महोदय, अब मैं वर्ष 2016-17 के लिए कर प्रस्ताव सदन के समक्ष प्रस्तुत करना चाहूँगा।
वैट, केन्द्रीय विक्रय कर एवं प्रवेश कर
आम उपभोक्ताओं को राहत
149.    राज्य के आम उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मैं वैट में निम्नानुसार रियायत प्रस्तावित करता हूँ:-

  सायकल तथा सायकल पार्ट्स पर प्रचलित 5 प्रतिशत वैट समाप्त किया जाकर इसे करमुक्त किया जाएगा।
  ऑनलाईन व्यापार से राज्य के व्यापार को हो रहे नुकसान से राहत देने के लिए मोबाईल फोन पर वैट की दर 14 से घटाकर 5 प्रतिशत की जाएगी।
  स्वच्छ भारत अभियान की सफलता तथा सफाई की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने हेतु सफाई के लिए उपयोग किए जाने वाले झाडू, पोछा (मॉप), ब्रश तथा वाइपर   को वैट से मुक्त किया जाएगा।
  इडली तथा डोसा के घोल (बैटर) पर प्रचलित 14 प्रतिशत वैट समाप्त किया जाकर इन्हें करमुक्त किया जायेगा।
उपरोक्त प्रस्तावों से लगभग 15 करोड़ रुपए की राजस्व क्षति अनुमानित है।
उद्योगों को राहत एवं संरक्षण देने के लिए
150.    राज्य के उद्योगों को प्रोत्साहन तथा मन्दी से राहत देने के लिए मैं निम्नानुसार रियायत एवं युक्तियुक्तकरण प्रस्तावित करता हूँ :-

 राज्य के स्टील उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए आयरन ओर, पिग आयरन, स्पंज आयरन, आयरन ओर पैलेट, इंगट, बिलेट तथा फेरो-एलॉयज पर वैट की  सामान्य दर 5 से घटाकर 2 प्रतिशत की जाएगी।
 छत्तीसगढ़ में डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य में उत्पादित डेयरी उत्पाद घी, पनीर एवं खोवा पर प्रचलित 5 प्रतिशत वैट समाप्त किया जाकर    इन्हें करमुक्त किया जाएगा।
 वायर नेल पर वैट की दर 14 से घटाकर 5 प्रतिशत की जाएगी।
 इलेक्ट्रो-फोर्ज्ड ग्रेटिंग पर केन्द्रीय विक्रय कर की दर 2 से घटाकर 1 प्रतिशत की जाएगी।7
 बॉयलर प्रेशर पार्ट्स पर वैट चुका न होने की स्थिति में 5 प्रतिशत की दर से प्रवेश कर आरोपित किया जाएगा।
‘‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस‘‘ को बढ़ावा देने के लिए
151.    अध्यक्ष महोदय, हमारी सरकार द्वारा विगत वर्षों में व्यापार को आसान बनाने के लिए कर प्रक्रिया का सरलीकरण, कर की दरों में युक्तियुक्तकरण, समस्त कर प्रक्रियाओं को ऑन-लाईन करना, वाणिज्यिक कर बैरियरों की समाप्ति आदि अनेक उपाय किए गए हैं। व्यापार को और आसान बनाने के हमारे प्रयास जारी रहेंगे। इसी क्रम में मैं निम्न प्रस्ताव प्रस्तुत करता हूँ:-

 सेल्फ-असेसमेंट के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले वार्षिक फॉर्म में त्रुटि होने पर एक बार रिवाईज किए जाने की सुविधा दी जाएगी।
 विलंब से कर जमा करने पर ब्याज की डेढ़ और ढाई प्रतिशत की दो दरों के स्थान पर डेढ़ प्रतिशत प्रति माह की समान ब्याज दर का प्रावधान किया      जाएगा।
कर-प्रक्रिया का युक्तियुक्तकरण
152.    अध्यक्ष महोदय, मैं कर प्रक्रिया के युक्तियुक्तकरण हेतु निम्न प्रस्ताव रखता हूँ:-

 त्रैमासिक देय कर का न्यूनतम 90 प्रतिशत 15 दिनों के भीतर जमा किये जाने का प्रावधान किया जाएगा।
 प्रथम अपील प्रस्तुत करने हेतु जमा की जाने वाली राशि 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत की जाएगी।
सामान्यतः करमुक्त माल के निर्माण में प्रयुक्त इनपुट पर इनपुट टैक्स रिबेट की पात्रता नहीं है। अतः अधिसूचना द्वारा पूर्णतः करमुक्त माल के निर्माण  में प्रयुक्त इनपुट पर भी इनपुट टैक्स रिबेट की पात्रता समाप्त की जाएगी।
 इसी प्रकार माल के स्टॉक ट्रांसफर पर कर देय न होने के कारण ऐसे मामलों में भी 5 प्रतिशत से अधिक चुकाए गए इनपुट टैक्स रिबेट की पात्रता को  समाप्त किया जाएगा।
 व्यवसायी द्वारा रिवीजन आवेदन प्रस्तुत करने के प्रावधान को हटाया जाएगा। तथापि आयुक्त को स्वप्रेरणा से मामला रिवीजन में लेने का अधिकार  यथावत् रहेगा। अधिकांश राज्यों, जिसमें सीमावर्ती राज्य मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व ओडिशा सम्मिलित हैं, में ऐसी ही व्यवस्था है।
 कर देयता से बचने की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए कर अपवंचन तथा अंडर-असेसमेंट के मामलों में शास्ति तथा ब्याज दोनों ही लगाए जाने का  प्रावधान किया जाएगा। साथ ही, अंडर-असेसमेंट तथा कर अपवंचन के लिए एक से पांच गुना तक शास्ति के प्रावधानों को युक्तियुक्त करते हुए, दोनों  स्थितियों में डेढ़ से दो गुना शास्ति का प्रावधान किया जाएगा।
 कर की कंपाउण्डिंग राशि का निर्धारण किए जाने हेतु ब्याज की राशि को भी शामिल किये जाने का प्रावधान किया जाएगा।
 राज्य में नारियल तेल का उपयोग मुख्यतः हेयर ऑइल के रूप में होने के कारण इसे खाद्य तेल की श्रेणी से पृथक् कर सामान्य दर से वैट आरोपित किया जाएगा।
 निर्माण में उपयोग होने वाले लाईमस्टोन पर प्रवेश कर की 30 एवं 60 रुपए प्रति टन की दो दरों के स्थान पर समान दर 45 रुपए प्रति टन रखी जाएगी।
जन-कल्याणकारी योजनाओं के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने हेतु
153.    अध्यक्ष महोदय, राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में संसाधनों की कमी न हो, तथा उपभोक्ताओं पर भी कर का अधिक भार न पड़े, इसे देखते हुए वैट की सामान्य दर 14 प्रतिशत में मात्र आधा प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इसे 14.5 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित है। इससे लगभग 75 करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व अनुमानित है।
154.    डीजल तथा पेट्रोल पर 1 जनवरी 2016 से प्रति लीटर आरोपित वैट की व्यवस्था वर्तमान दर पर जारी रहेगी।

155.     अध्यक्ष महोदय, नवगठित राज्य में जन्मी पीढ़ी के सपने हमारी पीढ़ी के सपनों से कहीं ऊंचे हैं, और हमें मिलकर इन्हें पूरा करना होगा। सात आधारस्तंभों को सुदृढ़ करने की रणनीति से इन सपनों को साकार कर, हम एक भव्य छत्तीसगढ़ का निर्माण करने में निश्चित रूप से सफल होंगे। पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी जी की इन पंक्तियों के साथ, मैं वर्ष 2016-17 का वार्षिक वित्तीय विवरण तथा अनुदान की मांगें सदन के समक्ष प्रस्तुत करता हूं:-


सिरजोइया, संसार बनोइया, 
सबके चेत रखईया, 
दुनिया मा सब जिनिस बना दिस, 
पाही काम करईया।
सत ईमान से बुता करबो,
तब तो बढ़ती होही,
पतियावा, सच परमेस्वर हर
छप्पर फार रितोही।